राजस्थान में 300 डॉक्टरों का इस्तीफा, राज्यभर में STRIKE

Bhopal Samachar
डॉक्टरों की हड़तालजयपुर। सरकार की ओर से मेडिकल अफसर को प्रोफेसर के बराबर करने से नाराजगी के चलते पहली बार राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के प्रिंसिपल-अधीक्षक समेत 300 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। डॉक्टरों के इस इस्तीफे से जहां एसएमएस में अघोषित बंद का सन्नाटा छाया है। बुधवार को अस्पताल में करीब 4000 लोग इलाज से वंचित रहे और 75 से अधिक ऑपरेशन टाल दिए गए। वहीं गुरुवार को राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों ने भी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। ऐसे में प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे ही है।

यह है पूरा मामला
राज्य सरकार की ओर से मेडिकल एजुकेशन में सुधार के लिए मेडिकल ऑफिसर (एमओ) को समतुल्य बोलकर सह आचार्य और आचार्य बनाने का आदेश जारी किया है। बुधवार को मेडिकल आॅफिसर्स को आचार्य के समतुल्य बनाए जाने के साथ सीधे मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति डॉक्टरों काे रास नहीं आई। सरकार के इसी फरमान के विरोध में एसमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सहित सभी चिकित्सक शिक्षकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।

फैसला वापस नहीं तो हड़ताल
एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों ने अपने इस्तीफे के साथ ही सरकार को यह चेतावनी भी दी है कि यदि वह अपना फैसला वापस नहीं लेती है तो मजबूरन हड़ताल का रूख इख्तियार करना पड़ेगा। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों ने गुरूवार से हड़ताल पर चले जाएंगे।

तो क्या मेडिकल कॉलेज की मान्यता पर भी खतरा?
मेडिकल कॉलेज के आचार्य और प्रिंसिपल की माने तो सरकार के इस फैसले से मेडिकल एजुकेशन के स्तर पर बुरा असर पड़ेगा। और ऐसा होता है तो एमसीआई (मेडिकल कौंशिल आॅफ इंडिया) से एसएमएस मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों की मान्यता पर भी खतरा मंडराने लगेगा।
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