संपादक महोदय
भोपाल समाचार, भोपाल म.प्र.
विषय :- पीईबी (व्यापम) के द्वारा की गई गलती की सजा छात्रों को।
मान्यवर,
महोदय निवेदन है कि पीईबी (व्यापम) द्वारा आयोजित ग्रुप-4 ग्रेड-3 की संयुक्त चयन परीक्षा 2016 का विज्ञापन जारी की जाकर सहायक ग्रेड-3, स्टेनोग्राफर आदि पदों हेतु परीक्षा का आयोजन किया गया। उपरोक्त आयोजित पद की टाइपिंग योग्यता के रूप में किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था से कम्प्यूटर पर 30 शब्द प्रति मिनट गति अनिवार्य की गई थी। यानि की 16.02.2015 के राजपत्र में उल्लेखित योग्यता को लिखी गई थी तथा व्यापमं को विभागों/कार्यालयों द्वारा भेजे गये भर्ती हेतु भेजे गये प्रस्ताव में भी यहीं उल्लेख किया गया था।
व्यापम द्वारा विज्ञापन जारी करने के दो-चार दिन के बाद सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 26.02.2015 का संदर्भ देते हुए संशोधित विज्ञापन जारी किया गया तथा उल्लेख किया गया है सीपीसीटी स्कोर कार्ड को मान्य किया जाता है तथा टाईपिंग स्पीड का कोई उल्लेख नहीं किया गया। एवं विज्ञापन में एक ऑप्शन उपलब्ध कराया गया जिसमें लिखा था कि ''सीपीसीटी कम्प्यूटर+हिन्दी अथवा सीपीसीटी कम्प्यूटर+हिन्दी +अंग्रेजी। उपरोक्तानुसार संशोधित विज्ञापन जारी करने एवं अनावश्यक ऑप्शन प्रदान करने के कारण परीक्षार्थी कई तरह के मतबल निकाले गए तथा फार्म भरे गये जो इस प्रकार है-
1. सीपीसीटी में मात्र कम्प्यूटर सेक्शन पास आवेदक द्वारा भी फार्म भरा गया।
2. सीपीसीटी में कम्प्यूटर एवं हिन्दी 20 शब्द वाले आवेदक द्वारा भी फार्म भरा गया।
3. सीपीसीटी में कम्प्यूटर एवं हिन्दी 30 शब्द वाले आवेदक द्वारा भी फार्म भरा गया।
4. सीपीसीटी में कम्प्यूटर एवं हिन्दी एवं अंग्रेजी टाईपिंग पास वाले आवेदक द्वारा भी फार्म भरा गया।
5. मुद्रलेखन वालों के द्वारा भी फार्म भरा गया।
महोदय सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र दिनांक 24.01.2017 का अवलोकन करने का कष्ट करें जिसमें जीएडी द्वारा अपने ही कार्यालय के पत्र 26.02.2015 का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि हिन्दी टाईपिंग की गति 30 शप्रमि कम्प्यूटर दक्षता अनिवार्य किया गया है जिसमें आंशिक संशोधन करते हुए सीपीसीटी में अंग्रेजी की न्यूनतम गति 30 शप्रमि एवं हिन्दी की न्यूनतम गति 20 शप्रमि निर्धारित की जाती है। यानि की महोदय दिनांक 24.01.2017 के पूर्व तक उपरोक्त पदों हेतु निर्धारित गति 30 शब्द प्रमि मिनट अनिवार्य थी एवं उपरोक्त संशोधन के संबंध में अभी तक नया/संशोधित मध्यप्रदेश राजपत्र जारी नहीं हुआ है।
व्यापम द्वारा अनावश्यक संशोधन जारी करने एवं अनावश्यक कम्प्यूटर+हिन्दी अथवा कम्प्यूटर+हिन्दी+अंग्रजी जैसे ऑप्शन उपलब्ध कराने के कारण अपात्र लोगों के द्वारा भी फार्म भरा गया, जिसका उल्लेख मैंने ऊपर बिन्दुवार किया है। मेरे ख्याल से व्यापम द्वारा यह सब कुल जानबूझ कर किया गया जिससे व्यापम की आमदनी बढ सकें, जबकि व्यापम को यह पता था कि उक्त परीक्षा में 30 शब्द प्रति मिनट अनिवार्य है।
महोदय व्यापम को उपरोक्त समस्या से कई परीक्षार्थियों द्वारा अवगत कराया गया तथा सीपीसीटी स्कोर कार्ड का ऑनलाईन सत्यापन करने के उपरांत परीक्षा फार्म जारी करने हेतु निवेदन किया गया किन्तु व्यापम द्वारा अपने भर्ती नियम बताते हुए कहा जाता रहा है कि सत्यापन का कार्य संबंधित कार्यालय/विभागों का है व्यापम का नहीं। महोदय मेरा सवाल भी यह है कि अगर व्यापम को यह सब अधिकार नहीं तो फिर व्यापम को विभाग द्वारा भेजे गये निर्धारित योग्यता के संबंध में अस्पष्ट निर्देश/स्पष्टीकरण क्यों जारी किया गया और क्यों ''सीपीसीटी कम्प्यूटर+हिन्दी अथवा सीपीसीटी कम्प्यूटर+हिन्दी +अंग्रेजी जैसे अनावश्यक ऑप्शन उपलब्ध कराये गये जिसे दिए जाने का कोई औचित्य ही नहीं था।
व्यापम के उपरोक्त कृत्य के कारण परीक्षार्थी भ्रमित (कन्फूज) हुआ और पात्रता न होने के बाद भी फार्म भरा जिसके कारण अब जो रिजल्ट आया है इसमें ऐसे कई छात्र है जो निर्धारित योग्यता नहीं रखते है मैरिट में है, और कई छात्र जो पात्र है वो वेटिंग लिस्ट में है। अब छात्रों के साथ दुविधा यह है कि उनकी वेटिंग क्लियर होंगी की नहीं। महोदय यह सभी जानते है कि वेटिंग मात्र 15 प्रतिशत तक ही क्लियर होने के प्रावधान है वो भी क्लियर होने में सालों लग जाएंगे। व्यापम द्वारा जो वेटिंग लिस्ट जारी की गई है उसमें भी विसंगतियां है जैसे की जिस परीक्षार्थी का सलेक्शन हो गया है उसे अनारक्षित वेटिंग एवं रिर्जब कटेगरी में सलेक्शन (मैरिट) प्रदर्शित हो रहा है, जिससे वेटिंग वाले परीक्षार्थी की वेटिंग वास्तविक वेटिंग से बहुत ज्यादा प्रदर्शित हो रही है। इसके अलावा भी कई विसंगतियां परीक्षा प्रणाली एवं रिजल्ट में दिखती है।
उपरोक्त विसंगतियों के संबंध में व्यापम को अवगत कराते हुए सुधार कराये जाने हेतु निवेदन किए जाने के उपरांत भी व्यापम द्वारा कोई ध्यान/सुधार नहीं किया जा रहा है जिसका नुकसान परीक्षार्थी को हो रहा है, यानि की गलती व्यापम की और नुकसान छात्रों का।
अत: महोदय आपसे निवेदन है कि समाचार पत्र में प्रकाशित कराने की कृपा करें तथा उपरोक्त तथ्यों के संबंध में अपने स्तर से आवश्यक कार्यवाही कराने की महान कृपा करें।
समस्त
परीक्षार्थीगण