भोपाल। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर राज्य सरकार खुद सुप्रीम कोर्ट गई हुई है और इसके चलते प्रदेश के स्कूलों में व्यवस्था लड़खड़ा रही है। पदोन्नति नहीं हो पाने के कारण प्रदेश के 2 हजार 480 सरकारी हाई स्कूल और 1 हजार 459 हायर सेकेण्डरी स्कूलों का प्रबंधन भगवान भरोसे चल रहा है।
यहां शिक्षकों और अन्य स्टाफ पर कंट्रोल करने के लिए कोई प्राचार्य ही नहीं है। 3 हजार 939 प्राचार्यों के पद लंबे समय से खाली पड़े हुए है। कांग्रेस विधायक मुकेश नायक के सवाल के लिखित जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने विधानसभा में यह जानकारी दी है। नायक ने पूछा था कि मध्यप्रदेश मेें कितने सरकारी स्कूलों में प्राचार्य के पद खाली पड़े है और कितने स्कूलों में तदर्थ प्राचार्य कार्यरत है। इनमें पन्ना जिले के सरकारी स्कूलों में प्राचार्यों के रिक्त पदों की जानकारी भी उन्होंने मांगी थी।
मंत्री शाह बोले, प्रमोशन में आरक्षण बना कारण
स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने बताया कि प्रदेश के सरकारी हाईस्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 3 हजार 939 प्राचार्यों के पद रिक्त पड़े है। उन्होंने बताया कि पन्ना जिले में 53 प्रचार्य हाईस्कूल और 38 प्राचार्य हायरसेकेण्डरी स्कूल के पद खाली पड़े है। उन्होंने बताया कि ये पद इसलिए खाली पड़े है क्योंकि पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में प्रकरण विचाराधील है। इसलिए पदोन्नति संबंधी कार्यवाही स्थगित चल रही है, इसीलिए ये सभी पद रिक्त पड़े हुए है।
मंत्री शाह बोले, प्रमोशन में आरक्षण बना कारण
स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने बताया कि प्रदेश के सरकारी हाईस्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 3 हजार 939 प्राचार्यों के पद रिक्त पड़े है। उन्होंने बताया कि पन्ना जिले में 53 प्रचार्य हाईस्कूल और 38 प्राचार्य हायरसेकेण्डरी स्कूल के पद खाली पड़े है। उन्होंने बताया कि ये पद इसलिए खाली पड़े है क्योंकि पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में प्रकरण विचाराधील है। इसलिए पदोन्नति संबंधी कार्यवाही स्थगित चल रही है, इसीलिए ये सभी पद रिक्त पड़े हुए है।