
मालूम हो, आरटीई कानून के तहत सभी सेवारत शिक्षकों को साल 2015 तक ही यह प्रशिक्षण दिलाया जाना था, लेकिन सरकार इसे अमल में नहीं ला सकी। राज्य सरकारों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर के 66.41 लाख शिक्षकों में अब तक 11 लाख प्रशिक्षण पूरा नहीं कर पाए हैं।
इनमें से 5.12 लाख जहां सरकारी क्षेत्र में हैं, वहीं 5.98 लाख निजी क्षेत्र में हैं। अब 31 मार्च, 2019 तक इन्हें यह प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। वर्ष 2010 में जब आरटीई कानून लागू हुआ था, उसी समय कानून की धारा 23 (2) के तहत यह तय किया गया था कि जिन शिक्षकों ने न्यूनतम प्रशिक्षण हासिल नहीं किया है, उन्हें हर हाल में वर्ष 2015 तक यह प्रशिक्षण दिला दिया जाएगा।