भोपाल। प्रदेश में 700 के करीब मलेरिया mpw अभी बिना वेतन के काम करने को मजबूर है प्रदेश शासन ने उन्हें पिछले 6 माह से वेतन नही दिया है। गौरतलब हो की प्रदेश के मलेरिया mpw न्यूनतम वेतन पर कार्यरत है और जिसमे उन्हें 18 से 22 गाव में मलेरिया और वेक्टर जनित रोग के सम्बन्ध में घर घर जाकर सर्वे और रोग के निदान की कार्यवाही करना रहती है लेकिन प्रदेश शासन सिर्फ उनसे काम लेना जानती है क्योंकि उनको वेतन पिछले साल सितम्बर 2016 में मिला था उसके बाद से आज तक नही मिला है वेतन।
आला अधिकरी से बात करते है तो उनका इक ही जवाब रहता है आगे से बजट नही आया है हम क्या करे। भोपाल बात करते है तो कहते है आपकी फ़ाइल वित्त विभाग में बजट के लिए प्रेषित है जब आएगा तब दे देगे तब तक काम करो। ऎसे में सभी मलेरिया mpw में आक्रोश व्याप्त है।
इसी के संबंध में 6 मार्च को मलेरिया mpw एसोसिएसन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा होशंगाबाद द्वारा माननीय स्वास्थ्य मंत्री , प्रमुख सचिव को भोपाल में ज्ञापन दिया गया और सेलेरी सम्बन्धी समस्या का तुरन्त हल निकलने को कहा गया है।
मलेरिया mpw की सेलेरी की समस्या आज से नही शुरू से है इन्हें साल में 2 या 3 बार ही वेतन नसीब होता है।यह समस्या जब तक नही सुलझेगी जब तक विभाग इनके लिए अलग से कोई बजट का प्रावधान या मद का नियोजन न करदे।वरना 2010 से लेकर आज तक इनके हर बार साल में 2 बार या कभी कबार 3 बार वेतन मिलता है।