नई दिल्ली। भारत के कई शहरों में इंवेस्टमेंट और बैंकों से लोन के नाम पर 600 करोड़ की ठगी करने वाले हर्षवर्धन रेड्डी को पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया। उसकी उम्र 40 साल है। वो किसी केस की जानकारी लेने कोर्ट आया था, तभी पुलिस ने दबोच लिया। ऑस्ट्रेलिया से एमबीए करके लौटे हर्षवर्धन ने फटाफट करोड़पति बनने के लिए ठगी का ऐसा जाल बुना, जिसमें इंवेस्टर्स से लेकर बैंक तक सब फंस गए।
पुलिस के मुताबिक, पिछले दिनों जनकपुरी थाने में दर्ज करोड़ों की ठगी के मामले में रेड्डी की तलाश थी। वह केस की जानकारी के लिए कोर्ट आया था। इसी दौरान पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया। जांच में सामने आया कि रेड्डी के खिलाफ मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में भी 30-35 ठगी के केस दर्ज हैं। आरोपी की 300 करोड़ की प्रॉपर्टी को सीज किया जा चुका है, जबकि 300 करोड़ की ठगी के मामलों में उसकी तलाश थी।
फर्जी पैनकार्ड और पासपोर्ट
रेड्डी लग्जरी लाइफ जीने का शौकीन है। वह दिल्ली के वसंत विहार, गोल्फ लिंक्स जैसे पॉश इलाकों में रह चुका है। फिलहाल छतरपुर के डीएलएफ फार्महाउस में रह रहा था। उसने फर्जी नाम-पतों पर पैनकार्ड और पासपोर्ट भी बनावा रखे थे।
वकील भी है हर्षवर्धन रेड्डी
हर्षवर्धन का जन्म चेन्नई में हुआ। स्कूल लेवल की पढ़ाई यहीं से की। इसके बाद 1996 में होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने स्विट्जरलैंड चला गया। देश लौटा और एक साल बाद MBA करने ऑस्ट्रेलिया गया। 40 साल के रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया से भारत लौटकर जल्द पैसा कमाने के लिए ठगी शुरू कर दी। 2002 में रेड्डी ने शादी की और पुणे से एलएलबी की डिग्री भी ली।
लग्जरी कारों का शौकीन
पुलिस के मुताबिक, आरोपी के कब्जे से मिली कई लग्जरी गाड़ियां सीज की गई हैं। इनमें मसेराती, फेरारी और ऑडी जैसी कारें शामिल हैं। इन सभी कारों की कीमत 15 करोड़ रुपए है। मसेराती की कीमत 3 करोड़ रुपए है।
कैसे ठगी को अंजाम देता था?
पुलिस के मुताबिक, वह पहले मालिकों से जमीन किराए या लीज पर लेता था। फिर जमीन के फर्जी कागज बनाकर बैंक में लोन के लिए अप्लाई करता था। जब बैंक से लोन मिल जाता तो पैसा लेकर दूसरे शहर में रहने लगता था। रेड्डी ने एसबीआई, कैनरा, पीएनबी और आईसीआईसीआई जैसे बैंकों को चूना लगाया है। ऑडी, फरारी जैसी लग्जरी कारों का रुतबा दिखाकर वह आसानी से लोन हासिल कर लेता था।