भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ एवं वाटरशेड समिति सचिव संघ की संयुक्त पत्रकार-वार्ता आयोजित कर बताया कि राजीव गांधी जल मिशन के तहत् वाटरशेड समितियों के सचिवों की सेवाऐं बिना कारण बताए 16 दिसम्बर 2016 को समाप्त कर दी गईं थीं। जिसके कारण 6 वर्षो तक सेवाएं देने के बाद 6 हजार संविदा वाटरशेड सचिवों का भविष्य अंधकार मय हो गया है। सभी वाटरशेड सचिव ओवरऐज भी हो गये हैं।
वाटरशेड सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त सूर्यवंशी सचिव, कमलेश बरखे, संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि वाटरशेड सचिवों को हटाने के विरोध में वाटरशेड समिति सचिव संघ 28 मार्च 2017 को अम्बेडकर मैदान में धरना देकर वाटरशेड सचिवों को ग्रामीण एवं पचायत विभाग की अन्य योजनाओं जैसे मनरेगा में रोजगार सहायकों के रिक्त पड़े पदों पर संविलयन की मांग करेगा।
सभी वाटरशेड सचिव ग्रेज्युट एवं पोस्ट ग्रेज्युट हैं साथ में कम्प्युटर का ज्ञान भी है तथा इतने वर्षो का शासकीय कार्य का अनुभव भी है। इसलिए वाटरशेड सचिवों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ही अन्य योजनाएं जैसे मनरेगा आदि में रिक्त पड़े रोजगार सहायक/सचिवों के पद संवलियन कर दिया जाए । जिससे सभी के परिवारों का लालन पालन हो सके तथा शासकीय सेवा के अनुभवी कर्मचारियों का सरकार को भी लाभ मिल सके।
वाटरशेड सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त सूर्यवंशी, प्रदेश सचिव कमलेश बरखे, संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि यदि एक माह के अंदर बहाली नहीं गई तो प्रदेश व्यापी उग्र आंदोलन किया जायेगा और सरकार से आर-पार की लड़ाई की जायेगी । इसकी पहली कड़ी में कल दिनांक 28 मार्च को अम्बेडकर मैदान में सुबह 11 बजे से वाटरशेड सचिव एक दिवसीय धरना देकर प्रदर्शन करेंगें।