भोपाल। अगस्त से मिलने वाले सातवें वेतनमान से पहले सरकार साढ़े पांच लाख अधिकारियों-कर्मचारियों को दिए जाने वाले एरियर का फैसला करेगी। ये पांच किस्तों में नगद दिया जा सकता है, जो लगभग छह हजार करोड़ रुपए होगा। इसके लिए वित्त विभाग नियम बनाने में जुटा है। बताया जा रहा है कि बजट सत्र समाप्त होने के बाद वेतनमान को लेकर कैबिनेट में अंतिम फैसला होगा।
वित्त विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी एरियर पांच किस्तों में दिया जा सकता है। ये हर साल मई में दिया जाता रहा है। इसके लिए नियम तैयार किए जा रहे हैं, जिन्हें कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
बताया जा रहा है कि कर्मचारी संगठनों ने भी सरकार से एरियर नगद ही देने की मांग रखी है। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि इस बार सरकार ने वेतनमान का लाभ पिछले साल की तुलना में जल्दी दे दिया है, इसलिए एरियर की राशि भी कम होगी। इसे देखते हुए सरकार को नगद ही एरियर देना चाहिए। उधर, वित्त विभाग ने वेतनमान तय करने के नियम का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाएगा।
एक माह में तय होगा वेतन
अधिकारियों का कहना है कि करीब एक माह में प्रदेश के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतनमान तय करके उनसे वचन पत्र ले लिए जाएंगे। इसके लिए सॉफ्टवेयर भी तैयार किया गया है। इसमें कर्मचारी का नाम डालने पर उसका वेतनमान सहित पूरा ब्योरा सामने आ जाएगा। सातवें वेतनमान का फॉर्मूला लगाकर वेतन तय हो जाएगा।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों को एकमुश्त मिलेगी रकम
सूत्रों का कहना है कि 1 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का फायदा एकमुश्त मिलेगा। टैक्स काटकर इन्हें राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसको लेकर भी अंतिम फैसला कैबिनेट करेगी। वित्त विभाग सातवें वेतनमान से जुड़े नियमों को लेकर विधानसभा के बजट सत्र के बाद कैबिनेट के सामने जाएगा।