झज्जर/हरियाणा। आरामदायक सफर के लिए भारी-भरकम टोल भरने के बावजूद टूटे डिवाइडर की वजह से कार काे सरियों से भरे वाहन ने टक्कर मारी तो वकील ने टोल कंपनी एनएचएआई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पहले लीगल नोटिस भेजा, लेकिन जवाब नहीं मिला तो उपभोक्ता फोरम में केस फाइल कर दिया। वकील का कहना है कि जब वह पूरा टोल भरते हैं तो टूटी सड़क और डिवाइडर से हादसे क्यों झेलें। नोटिस मिलने के बाद टोल के अधिकारी का फोन आने पर वकील ने दो टूक कहा कि पहले सिस्टम सुधारो, इसके बाद ही कुछ बात होगी।
कार में सरिये घुसने से जान पर बनी, CAR क्षतिग्रस्त
रोहतक बार के वकील प्रीत विहार कॉलोनी निवासी दिग्विजय जाखड़ का कहना है कि 3 दिसंबर 2016 को वह किसी काम से झज्जर कोर्ट में गए थे। वापस आते समय दोपहर करीब डेढ़ बजे वह रोहतक-झज्जर हाईवे पर गांव करौंथा के पास पहुंचे ही थे कि टूटे डिवाइडर से सरियों से लदा एक जुगाड़ वाहन सड़क क्राॅस करने लगा। वह ब्रेक लगाकर कार साइड में करने लगे तो एक टेम्पो से उनकी कार भिड़ गई। इतना ही नहीं, जुगाड़ के चालक ने भी एकाएक ब्रेक लगाए तो उसमें लदे सरिये कार के टायर में जा धंसे। टायर फटने और एलॉय-व्हील क्षतिग्रस्त होने से वह बाल-बाल बचे। स्टेपनी बदलकर जैसे-तैसे घर पहुंचे।
टोल कर्मचारियों से शिकायत की तो बदतमीजी की
वकील का कहना है कि कुछ दिन बाद डीघल टोल पर पहुंचकर उन्होंने टूटी सड़क डिवाइडर के बारे में शिकायत की तो कर्मचारियों ने उनके साथ अभद्रता की। इसके बाद वह कुछ दिन शांत रहे, लेकिन बाद में उन्होंने सोचा कि जब वह आरामदायक सफर के लिए पूरा टोल भरते हैं तो टूटी सड़क डिवाइडर का दंश वह क्यों झेलें। दिग्विजय ने टोल कंपनी को लीगल नोटिस भेजा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तो मंगलवार को रोहतक उपभोक्ता फोरम में केस दायर कर दिया। दिग्विजय ने टोल कंपनी एनएचएआई को पार्टी बनाते हुए कहा कि एक्सीडेंटल रिपेयर के 17 हजार 63 रुपए, टायर के 5100 रुपए, व्हील बैलेंसिंग के 800 रुपए तथा वकील की 15 हजार रुपए फीस के साथ-साथ मेंटली हरासमेंट के तौर पर 50 हजार रुपए मुआवजा दिलाया जाए।
..............
मेरे पास डीघल टोल के अधिकारियों की कॉल आई थी, जिसमें उन्होंने शिकायत वापस लेने के लिए कहा। मेरा साफ कहना है कि पहले टूटी सड़कें और डिवाइडर ठीक करो, उसके बाद कोई बात होगी।
दिग्विजय जाखड़, पीड़ित वकील