भोपाल। राजधानी में बड़े-बड़े विज्ञापन, लुभावने वादे और सर्वसुविधायुक्त आशियाने का सपना दिखाकर भोले-भाले लोगों से रकम ऐंठकर कई फर्जी बिल्डर मालामाल हो चुके हैं। हद तो यह है कि सब सरकार की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन आम उपभोक्ताओं को हक दिलाने के लिए कोई भी जिम्मेदार विभाग ठोस कदम नहीं उठा रहा है। ऐसा ही एक मामला असंख्य बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड का सामने आया है।
बिल्डर ने कोलार-मंडीदीप लिंक रोड स्थित ग्राम खड़बमूलिया में 'जगन्नााथपुरी' नाम से मल्टीस्टोरी में फ्लैट के लिए बुकिंग शुरू की। इसके लिए बाकायदा बड़े-बड़े होर्डिंग व विज्ञापन भी दिए गए। कुछ समय बाद जब लगभग 50 लोगों ने बुकिंग राशि जमा की तो असंख्य बिल्डकॉन के संचालक अभिनव चक्रधर और मैनेजर रोशनी राजपूत पैसे लेकर चंपत हो गए। इसके बाद बुकिंग करने वाले 13 लोगों ने उनके साथ 80 लाख रुपए की ठगी की जानकारी पुलिस को देकर एमपी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन पुलिस को अब तक न तो बिल्डर का कोई सुराग मिला है और न ही उसकी मैनेजर रोशनी का।
दो साल से बंद दफ्तर
असंख्य बिल्डर का एमपी नगर जोन-2 स्थित कल्पतरू टॉवर में 131/16 नंबर के फ्लैट में दफ्तर था, लेकिन यहां पिछले दो साल से ताला लगा है। चौंकाने वाली बात यह है कि बिल्डर ने खड़बमूलिया गांव की खसरा नंबर 139, 140, 141, 142, 143 और 144 की जिस जमीन पर कॉलोनी बनाने के होर्डिंग और बोर्ड लगा रखे थे, वह जमीन उसकी थी ही नहीं। ठगी की आशंका के बाद जब उपभोक्ता दिग्पाल सिंह भदौरिया ने 4 अप्रैल 2015 को एमपी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई, तब प्रारंभिक जांच में पता चला कि इन खसरा नंबर की जमीन किसी प्रगति अग्रवाल के नाम पर दर्ज है।
2014 से अपनी रकम पाने भटक रहे लोग
वर्ष 2013 में असंख्य बिल्डकॉन ने सिंग्लेक्स और डुप्लेक्स फ्लैट के लिए बुकिंग शुरू की थी। फ्लैट खरीदने के लिए रविंद्र सिंह राजपूत, नागेंद्र सिंह राजपूत, अल्का ब्रह्मभट्ट, मदनलाल मालवीय, महेश पटेल, दिग्पाल सिंह भदौरिया, राजेश मेहंत, कृष्णा लोसे, राजकुमार सोल, अशोक देशमुख, मुकेश शायद, शालिनी माधवी ने 50 से 60 फीसदी रकम एडवांस देकर अनुबंध किया था। लोगों ने बताया कि बिल्डर की वेबसाइट असंख्य डॉट कॉम भी अब बंद हो गई है।
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4.5 लाख रुपए ठगे
मैंने अपने छोटे भाई नागेंद्र सिंह राजपूत के लिए सिंग्लेक्स बुक कराया था। दो किस्त में साढ़े चार लाख रुपए जमा कराए थे, हमारे साथ धोखाधड़ी कर असंख्य बिल्डर गायब हो गया है। अब उसका कोई अता-पता नहीं हैं।
रविंद्र सिंह राजपूत, निवासी, लिबर्टी कॉलोनी, होशंगाबाद रोड
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कोई आस नहीं बची
असंख्य बिल्डर के खिलाफ एफआईआर कराए भी दो साल बीत गए हैं। अब न तो प्लॉट मिलने की कोई आस नजर आ रही है, न पैसा। पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। बिल्डर के दफ्तर समेत मोबाइल और लैंडलाइन नंबर भी बंद हैं।
दिग्पाल सिंह भदौरिया, निवासी, शांति निकेतन, गोविंदपुरा