उपदेश अवस्थी। आपस में मिल जुलकर हर परेशानी को हल करने की सीख देने वाला टीवी सीरियल 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' के निर्माता असित मोदी इन दिनों तलवार चला रहे हैं। वो शरारती टप्पू का किरदार निभाने वाले भव्य गांधी से इतने नाराज हैं कि उन्होंने सीरियल के दर्जनों एपिसोड टप्पू के नाम कर दिए ताकि भव्य गांधी को तकलीफ दी जा सके।
समस्या क्या थी
यह तो सभी जानते हैं कि भव्य गांधी ने सीरियल छोड़ दिया है और एक गुजराती फिल्म में काम कर रहे हैं, लेकिन सबकुछ इतना सरल भी नहीं है। इसके पीछे बड़ा विवाद छुपा हुआ है। बिना राजनीति वाली गोकुलधाम सोसायटी का संचालन कर रहे असित मोदी जमकर राजनीति कर रहे हैं। वो लम्बे समय से सीरियल में टप्पू सेना को स्पेश ही नहीं दे रहे थे। भव्य गांधी समेत सभी बाल कलाकार स्क्रीन पर आने के लिए तरस रहे थे। फाइनली उसने गुजराती फिल्म साइन कर ली।
असित मोदी ने क्या किया
असित मोदी को जैसे ही इस बात का पता चला वो भड़क गए। भव्य गांधी तो जा ही चुका था लेकिन असित मोदी का ईगो उन्हे शायद सोने नहीं दे रहा था। वो भव्य गांधी को सबक सिखाना चाहते थे और फिर उन्होंने एक तरकीब निकाली। सीरियल के दर्जनों एपिसोड किरदार 'टप्पू' पर फोकस कर दिए। अब हर रोज टीवी पर टप्पू दिखाई देगा तो भव्य गांधी का खून तो जलेगा। कुल मिलाकर एक बाल कलाकार को सबक सिखाने के लिए दर्जनों एपिसोड बलिदान कर डाले। प्यार का पैगाम लेकर चल रहे सीरियल को बदले का संग्राम बना दिया।
भव्य की मां ने विवाद छुपाया
एक ऑनलाइन पोर्टल से भव्य की मां से उनके बाहर निकलने का कारण पूछा तो उन्होंने असित मोदी की कोई शिकायत नहीं की, बल्कि बात को संभालते हुए कहा कि भव्य ने एक फिल्म के लिए शो को छोड़ा है, उसके पास बहुत सारी फिल्मों के ऑफर आ रहे थे जिस वजह से भव्य को शो छोड़ना पड़ा।
बदले की आग में चल रहे हैं असित मोदी
लेकिन असित मोदी अपने अंदर सुलग रही आग को छुपा नहीं पा रहे। दैनिक भास्कर से बातचीत में असित मोदी ने बताया वो भव्य को अपने बेटे की तरह मानते थे और इतने सालों तक उन्होंने भव्य को पूरा सपोर्ट किया था। भव्य गांधी ने बिना किसी को बताए गुजराती फिल्म साइन कर ली। हम रिपब्लिक डे के खास मौके पर एक स्पेशल एपिसोड की शूटिंग कर रहे थे और हमें टप्पू की इसमें जरूरत थी। इतने सालों में पहली बार भव्य ने शूट के लिए ना कहा। कोई इस प्रकार के अनप्रोफेशनल रवैये को बर्दाशत नहीं कर सकता। इसलिए हमने एक नए चेहरे का चुनाव किया। राज अनादकट ने शो में एंट्री कर ली है और अब, उस पर ही फोकस किया जाएगा। ऐसा लगता है जैसे सफलता भव्य गांधी के सिर में चली गई है, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह टप्पू के रोल से ही इतने लोकप्रिय हुए थे। अब शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में फोकस राज और टप्पू सेना पर ही होगा।
लव्वोलुआब क्या
कुल मिलाकर असित मोदी, भव्य के शो छोड़ जाने से इतने गुस्से में हैं कि वो अपनी सीमाएं तक लांघ रहे हैं। पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। बदला लेने के लिए टप्पू पर फोकस करते हुए एपिसोड बना रहे हैं। पूरा का पूरा सीरियल स्वाहा करने को तैयार हैं। सवाल यह है कि जिस सीरियल से लोगों को हर समस्या का प्यार से हल निकालने की प्रेरणा दी जाती हो। उस सीरियल के निर्माता का ईगो इतना छोटा कैसे हो सकता है। एक बाल कलाकार से कोई इतनी दुश्मनी कैसे पाल सकता है।
ऐसे समय में गोकुलधाम सोसायटी क्या करती
चलिए मान लेते हैं यह स्थिति गोकुलधाम सोसायटी में बनती। टप्पू किसी बात से नाराज होकर सोसायटी छोड़कर चला जाता तो क्या होता। क्या जेठालाल एक नया बेटा गोद ले लेते। क्या टप्पू को चिढ़ाने के लिए जेठालाल उसे बाइक दिलाते, आईफोन दिलाते और नाइट क्लब में जाने देते। क्या पूरी सोसायटी इसका सपोर्ट करती। सोचिए असित मोदीजी सोचिए, अपने सीरियल के लेखक से पूछिए। क्या जो आप कर रहे हैं, वही सही है। क्या इसके अलावा कोई तरीका नहीं था। इतना प्रेरणास्पद सीरियल बनाने वाला व्यक्ति इतनी शर्मनाक मोहल्लाई राजनीति कैसे कर सकता है।
कहीं ऐसा तो नहीं कि असित मोदी किसी मुगालते का शिकार हो गए हों। वो कलाकारों को अपना बंधुआ मानने लगे हों। यदि भव्य गांधी की पहचान टप्पू के किरदार से हुई है तो यह भी मानना ही होगा कि भव्य गांधी ने टप्पू के किरदार में जान डाली थी। वो अभी भी प्रोफेशनल नहीं है। गलती कर सकता है। उसका हक बनता है। यदि असित मोदी उसे अपना बच्चा मानते थे, तो उनकी जिम्मेदारी है कि वो भव्य को समझाएं, उसके अच्छे भविष्य की कामना करें। उसे सहयोग करें। इस तरह से एक बच्चे को चिढ़ाकर तो असित मोदी खुद मोहल्ले के गंदे बच्चे जैसा व्यवहार कर रहे हैं। यदि यही हाल रहा और असित मोदी का ईगो इसी तरह कलाकारों से टकराता रहा तो 9 साल से सफलतापूर्वक चल रहा सीरियल 9 महीने में खत्म हो जाएगा।