भोपाल। शिवराज सरकार भले ही प्रदेश में आनंद मंत्रालय का गठन कर खुशहाल महसूस कर रही है। लेकिन प्रदेश की जनता और कर्मचारी वर्ग आनंदमय जीवन से बहुत दूर है। सूबे के डिप्लोमा इंजीनियर सरकार की नीतियों के खिलाफ इन दिनों आंदोलनरत हैं और अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान खींचने के लिए के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं। इसी कड़ी में इंजीनियर्स एसोशिएसन ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया।
इंजीनियर्स संघ की बालाघाट इकाई के आंदोलनरत इंजीनियर्स ने बालाघाट में स्थित बैनगंगा नदी के जागपुर घाट पर कीचड़ स्नान कर अपनी मागों को लेकर प्रदर्शन किया। 21 मार्च से मध्यप्रदेश के सभी विभागों के डिप्लोमा इंजीनियर्स आंदोलनरत हैं और अपनी मागों को लेकरे प्रदर्शन कर रहे हैं। रविवार को बालाघाट की बैनगंगा नदी के जागपुर घाट में हुए इस प्रदर्शन में बालाघाट जिले के सभी विभागों में कार्यरत इंजीनियरों ने कीचड़ में स्नान किया। इंजीनियरों का आरोप है कि प्रदेश की सरकार ने डिप्लोमा इंजीनियर्स का जीवन कीचड़ के समान कर दिया है। अपनी मांगों को लेकर इंजीनियर्स कई सालों से सरकार से मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी जा रही है।
मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसो. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गजेन्द्र कुमार कठाने बताते हैं कि देश के दूसरे राज्यों की अपेक्षा मध्यप्रदेश के डिप्लोमा इंजीनियर्स दोयम दर्जे की सुविधाएं पा रहे हैं। अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी कम ग्रेड पे दिया जा रहा है और 10-15 साल सेवाएं दे चुके संविदा सब इंजीनियर को वादा करने के बाद भी नियमित नहीं किया जा रहा है।
अपनी मांगों को लेकर मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसो. के बैनर तले सभी विभागों के सब इंजीनियर 21 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक अवकाश लेकर आंदोलनरत हैं। एसो. का कहना है कि अपने हक के लिए अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी और अपना हक हासिल करके ही हम दम लेंगे। वेतन विसंगतियों, पदोन्नति नहीं होने, सेवा उपरांत तृतीय वेतनमान, ग्रेड पे और संविदा सब इंजीनियर को नियमित करने जैसी प्रमुख पांच प्रमुख मांगों को लेकर इंजीनियर्स ने चार अप्रैल से हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। इंजीनियर 21 मार्च से सामूहिक अवकाश लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं और उनका कहना है कि 4 अप्रैल तक मांगें नहीं मानी गयीं, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।