जी हां, हैरान कर देने वाला यह मामला कर्नाटक का है. कर्नाटक के मल्लथल्ली में स्थित इस कॉलेज में 49 छात्र पढ़ते हैं, जिन्होंने विभिन्न कोर्स में एडमिशन के लिए मोटी फीस भरी है. फर्जी कॉलेज का खुलासा तब हुआ जब B.Com, BBM और BSc कोर्स में पहला समेस्टर पूरा करने के बाद छात्रों ने परीक्षा दी और वो परिणाम का इंतजार करते रहे. एग्जाम रिजल्ट आने में जब महीनों देरी होने लगी तो छात्रों ने कॉलेज के अधिकारियों से सवाल पूछने शुरू कर दिए. कॉलेज प्रशासन द्वारा बताया गया देरी उनकी ओर से नहीं बल्कि बेंगलुरु यूनिवर्सिटी की ओर से है, जिससे वो संबद्ध हैं.
फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा के नतीजे आने में देर होने लगी और एक लड़की ने इस पर सवाल खड़े कर दिए.वह छात्रा बस यहीं नहीं रुकी. वह बेंगलुरु यूनिवर्सिटी पहुंच गई, जो उसकी कॉलेज से बस कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर थी. यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने उन्हें या उनके क्लासमेट्स को परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं दी थी. लिहाजा हॉल टिकट, सर्टिफिकेट कुछ भी यूनिवर्सिटी की ओर से जारी नहीं किया गया है. लेकिन और भी पूछताछ करने के बाद पता चला कि B.Com, BBM और BSc कोर्स कराने और उसकी डिग्री देने का दावा करने वाला यह कॉलेज दरअसल बेंगलुरु यूनिवर्सिटी से संबद्ध है ही नहीं.
छात्रा को यह बात समझ आ गई कि उनके कॉलेज ने उनके साथ धोखाधड़ी की है. कॉलेज ने फर्जी एडमिशन लेटर जारी किए और फर्जी हॉल टिकट जारी कर उन्हें परीक्षा भी देने दिया. फर्जी कॉलेज ने न केवल छात्रों से एडमिशन की मोटी रकम वसूली, बल्कि उनका कीमती एक साल का समय भी बरबाद किया. मामले की एफआईआर करा दी गई है. माना जा रहा है कि बेंगलुरु यूनिवर्सिटी से संबद्ध होने के नाम पर ऐसे कई कॉलेज हैं, जिनका पर्दाफाश हो सकता है.