बिलासपुर। हाईकोर्ट की युगलपीठ ने एटीएम में 5 ट्रांजेक्शन के बाद रकम निकालने पर कटौती व न्यूनतम बैलेंस में सेवा शुल्क लिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर आरबीआई, केन्द्र सरकार, भारतीय स्टेट बैंक समेत अन्य बैंकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नोटबंदी के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक ने एटीएम ट्रांजेक्शन, खाते में न्यूनतम बैलेंस को लेकर नोटिफिकेशन जारी की है। इसके अनुसार माह में 5 बार से अधिक रकम निकाले जाने पर अतिरिक्त चार्ज लेने व खाते में न्यूनतम राशि से कम होने पर सेवा शुल्क लिए जाने की बात कही है।
बैंकों की इस नोटिफिकेशन के खिलाफ याचिकाकर्ता सलीम कॉजी ने अधिवक्ता अशीष श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर इसे चुनौती दी है। इसमें कहा गया है कि बैंकों में सेविंग व सैलरी अकाउंट हैं।
राशि निकालने व कम जमा होने पर अतिरिक्त चार्ज लिया जाना रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934, बैंकिंग रेग्यूलेशन एक्ट 1949 का उल्लंघन है। इसके अलावा अनुच्छेद 14, 19 (1) जी, 21 एवं 300 ए का भी गंभीर उल्लंघन माना गया है।
संविधान के एक्ट 300 ए में व्यक्ति का बैंकों में जमा राशि उनकी संपत्ति है। इसमें सरकार किसी प्रकार की कटौती नहीं कर सकती है। याचिका में चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन व जस्टिस पी सेम कोशी की डीबी में सुनवाई हुई। डीबी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, केन्द्र सरकार, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।