भोपाल। यूं तो कलेक्टर ने भोपाल के 5 मार्गों पर स्पीड लिमिट 40 का ऐलान किया है लेकिन बेहतर होगा कि आप सारे शहर में ही इन नियमों का पालन कर लें। कब यादाश्त धोखा दे जाए और 3000 रुपए का चालान अपने घर पहुंच जाए, कहा नहीं जा सकता। कलेक्टर ने कुछ इलाकों को साइलेंट जोन भी घोषित किया है। यहां हॉर्न बजाया तो भी चलान घर पहुंच जाएगा। यह सबकुछ इसलिए ताकि शहर में आए दिन बढ़ते जा रहे सड़क हादसों पर लगाम लगाई जा सके।
कलेक्टर निशांत वरवडे (अध्यक्ष जिला सड़क सुरक्षा समिति) ने मंगलवार को चुनिंदा सड़क मार्गों पर वाहनों की गतिसीमा का निर्धारण करने के साथ शांत क्षेत्र में हॉर्न बजाने पर पाबंदी लगा दी है। ट्रैफिक एएसपी समीर यादव ने बताया कि यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।
यहां गतिसीमा 40 किमी/प्रतिघंटा तय
जिला प्रशासन का मानना है कि जिन स्थानों पर वाहनों की गति सीमा निर्धारित की गई है, वहां ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण रखकर हादसों में कमी आएगी। ये मार्ग हैं-
बैरागढ़ से मिसरोद बीआरटी कॉरिडोर
लिंक रोड नम्बर-1
लिंक रोड नम्बर-2
लिंक रोड नम्बर-3
पुलिस कंट्रोल रूम से गुरूदेव गुप्त चौराहा तक
ये हैं साइलेंस जोन
चार चुनिंदा स्थानों पर म्यूजिकल हॉर्न और प्रेशर हॉर्न बजाना मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लघंन माना जाएगा। इनमें नूतन कॉलेज चौराहा क्षेत्र, बोट क्लब मार्ग, नर्मदा अस्पताल से नेशनल अस्पताल तक मार्ग और मंत्रालय का क्षेत्र है। वीआईपी मूवमेंट को देखते हुए मंत्रालय का क्षेत्र शांत घोषित किया गया है। मरीजों के मद्देनजर नर्मदा अस्पताल से लेकर नेशनल अस्पताल के सामने हॉर्न बजाने पर पाबंदी लगाई गई है।
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स्पीड राडार गन से होगी जांच
वाहनों की रफ्तार को जांचने लिए पुलिसकर्मी स्पीड राडार गन की मदद लेंगे। इसके तहत पुलिसकर्मी राडार गन को हाथ में सड़क किनारे खड़े रहेंगे। यह मशीन पास से निकलने वाले वाहन की स्पीड को रीड करेगी एवं उसका प्रिंट भी देगी। स्लिप में वाहन की रफ्तार तय सीमा से अधिक होने पर ट्रैफिक पुलिस दो पहिया/कार चालकों पर एक हजार और भारी वाहन पर तीन हजार रुपए की चालानी कार्रवाई करेगी।