बक्सर। यदि आप गरीब परिवार से हैं और आप रुपये की कमी की वजह से बारहवीं के बाद की पढ़ाई पूरी नहीं कर पा रहे हैं और डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है, तो नो टेंशन, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड आपका सपना सरकार करेगा। शिक्षा विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने अपने आदेश में कहा है कि व्यापक प्रचार-प्रसार में कमी की वजह से ही पूरे राज्य में अभी तक महज नौ हजार ही आवेदन आये हैं। इसका अर्थ है कि इसका प्रचार-प्रसार स्कूलों कॉलेजों तक नहीं हुआ है। अब इसका प्रचार-प्रसार जिला, प्रखंड व पंचायत स्तर तक करने की जरूरत है. इसके आलोक में जिला प्रशासन ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। डीएम रमण कुमार के आदेश पर शिक्षा विभाग भी जोर-शोर से लग गया है।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
योजना से संबंधित आवेदन करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल मोबाइल एप विकसित किया गया है। आवेदन ऑनलाइन ही प्राप्त किया जायेगा। कोई भी आवेदक जो 12वीं कक्षा उत्तीर्ण हो तथा इस योजना के लिए पात्रता रखता हो और इच्छुक हो, वह ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर सकता है।
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का यह है उद्देश्य
12 वीं कक्षा उत्तीर्ण ऐसे विद्यार्थी जो आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो जाते हैं, ऐसे छात्रों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गयी है. स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड बन जाने के बाद छात्र शिक्षा लोन आसानी से ले सकते है. बैंकों को इसके लिए कड़े निर्देश दिये गये हैं. अभी बिहार का उच्च शिक्षा में ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो यानी जीइआर महज 13 फीसदी है. राष्ट्रीय औसत के बराबर जीइआर को करने के लिए सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. यह योजना बिहार में अक्तूबर 2016 में शुरू हुई थी.
इस कार्य योजना पर अब होगा काम
सचिव ने जो कार्ययोजना तैयार कर भेजी है, उसके अनुसार राज्य स्तर पर काफी संख्या में लोगों को ट्रेनिंग देकर प्रमंडल जिला में भेजा जा रहा है. ट्रेनिंग लेनेवालों में एआरपी और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान आदि के कर्मी शामिल थे. ये मास्टर ट्रेनर बन चुके हैं और अब ट्रेनिंग देंगे. इसके बाद पंचायत स्कूल स्तर पर ट्रेनिंग दी जायेगी.