शाहजहांपुर। यूपी में जो भी होता है चौंकाने वाला ही होता है। भाजपा की धमाकेदार जीत के बाद भाजपाईयों की ताकत और बाकियों में दहशत भी चौंकाने वाली ही दिखाई दे रही है। विधायक रोशनलाल वर्मा की दहशत पुलिसवालों में इस कदर समा गई कि एसओ से लेकर सिपाही तक कुल 18 पुलिस कर्मचारियों ने एक साथ तबादले की मांग कर डाली। दरअसल यह मामला निगोही थाना क्षेत्र का है। इस क्षेत्र से बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा है। रोशन लाल अपनी दबंग छवि के लिए जाने जाते हैं।
निगोही थाने के एसओ अवनीश यादव ने बताया कि, बुधवार रात को उनके फोन पर विधायक रोशन लाल वर्मा के मोबाइल से कॉल आई। उनके गनर ने फोन पर कहा कि, विधायकजी के पेट्रोल पंप पर कुछ लड़के विवाद कर रहे हैं।इसके बाद जब मैं पेट्रोल पंप पर पहुंचा तो वहां पर विधायक का बेटा सचिन आ गया। उसके साथ में करीब 15 से 20 लोग थे। अवनीश ने बताया- मैं उस युवक से पूछताछ कर रहा था, तभी विधायक का बेटा सचिन उस युवक को पीटने लगा।
सचिन जबरन उस युवक को अपनी गाड़ी मे डालकर कहीं ले जाने लगा। इस बात का मैंने विरोध भी किया, लेकिन विधायक के बेटे के साथ कई लोग थे और मैं अकेला था। जिसके बाद मैं थाने वापस आ गए।
एसओ समेत पूरे थाने ने लगाई सामूहिक ताबदले की गुहार
बता दें विधायक रोशन लाल वर्मा के बेटे की दबंगई सामने आने के बाद अब पुलिस भी उस थाने में खुद को महफूज़ नहीं मान रही है। इस घटना के बाद जब एसओ थाने पहुंचे तो वहां पर थाने में सिपाहियों और एसओ समेत पूरे थाने के स्टाफ ने एसपी को एक लेटर लिखकर तबादले की गुहार लगाई है। एसओ का कहना है कि इस मामले में जब आलाधिकारी पूछेंगे तो उनको बता दिया जाएगा। मामला सत्ता पक्ष के विधायक से जुड़ा होने के कारण पुलिस के आलाधिकारी इस सामूहिक तबादले मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
तहरीर मिलेगी तो सचिन के खिलाफ करूंगा कार्रवाही: एसओ
वहीं, एसओ अवनीश यादव का कहना है कि, फोन आने के पांच मिनट के अंदर ही मैं पेट्रोल पंप पर पहुंचे गया था। फिर विधायक के बेटे को उस युवक को पीटने और जबरन अपनी गाड़ी में बिठाना गलत है। ये लोग सत्ता की हनक दिखाना चाहते हैं। मेरे पास युवक की तरफ से कोई तहरीर नहीं आई है। अगर हमें तहरीर मिलेगी तो हम विधायक के बेट पर कार्रवाही जरूर करेंगे।
बीजेपी प्रवक्त ने कहा- जांच कराएंगे
बीजेपी प्रवक्त शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा- अभी हमारी सरकार जीतकर आई है। सरकार बनते ही हम इस मामले की जांच कराएंगे और अगर विधायक दोषि पाए गए तो कार्यवाही की जाएगी। साथ ही पुलिस को पूरी छूट है कि दोषि व्यक्ति पर कार्रवाई करे।