नई दिल्ली। यूपी में बीजेपी अब अपनी जीत के लिए आश्वस्त है। मोदी की ताबड़तोड़ सभाओं और रैलियों के बाद हर कोई यह मान रहा है कि यूपी में सरकार बीजेपी ही बनाएगी। संगठन के भीतर अब सीएम की खोज शुरू हो गई है। केशव प्रसाद मौर्य इसके लिए सबसे तगड़ी लॉबिंग कर रहे हैं। वो विभिन्न माध्यमों से मोहन भागवत और मोदी को भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि वही सबसे उचित और उत्तम होंगे।
केशव मौर्या ने 'मेल टुडे' में एक खबर छपवाई है। इसमें दावा किया गया है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने बताया है कि एक विश्वसनीय और राजनीतिक रूप से सही मुख्यमंत्री ढूंढने की पहल शुरू हो चुकी है। हालांकि पार्टी हर संभव स्थिति के बारे में सोच रही है और किसी भी हालात के लिए खाका तैयार है।
केशव प्रसाद मौर्य सबसे आगे
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में जिन नेताओं के नाम हो सकते हैं, उसमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और ओबीसी नेता केशव प्रसाद मौर्य का नाम सरप्राइज के रूप में सामने आ सकता है।
ये नेता हो सकते हैं दावेदार
अन्य दावेदारों के रूप में वरिष्ठ नेता और ओबीसी चेहरा उमा भारती, पूर्वी उत्तर प्रदेश के दिग्गज नेता मनोज सिन्हा, ठाकुर नेता और कट्टरपंथी योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और लखनऊ के महापौर और मोदी-शाह समर्थक दिनेश शर्मा शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा का नाम दावेदारी से बाहर है।
मौर्या ने खुद को कंपलीट पैकेट बताया
मौर्या के मीडिया मैनेजर्स ने अपने मीडिया सोर्स यूज करते हुए यह दावा किया है कि मौर्य इस पद के लिए कंप्लीट पैकेज हैं। मौर्य उस फॉर्मूले पर भी फिट बैठते हैं, जो कल्याण सिंह के समय था। उस समय बीजेपी गैर-यादव ओबीसी और ईबीसी के लिए एकमात्र विकल्प के रूप में उभरी थी। संघ से निकटता भी उसे वजन दे रहा है। हालांकि अधिकांश अन्य नाम भी इस संबंध में समान रूप से बराबर हैं। आयु भी उनके पक्ष में है। पार्टी के भीतर से आईं रिपोर्ट भी बताती है कि उमा भारती ने भी अपना समर्थन मौर्य को दे रखा है।
मौर्य पर दर्ज हैं कई आपराधिक मामले
मौर्य पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। लोकसभा चुनाव के समय चुनाव आयोग को दिए हलफनामे से साफ है कि उन पर दस गंभीर आरोपों में मामले दर्ज हैं। जिसमें 302 (हत्या), 153 (दंगा भड़काना) और 420 (धोखाधड़ी) जैसे आरोप भी शामिल हैं। मौर्या 2011 में मोहम्मद गौस हत्याकाण्ड में भी आरोपी हैं और इसके लिए वे जेल भी जा चुके हैं। हालांकि इस केस में वे बरी हो चुके हैं। इसके अलावा डॉ एके बंसल की हत्या के मामले में भी केशव का नाम लिया जा रहा है। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है। मौर्य रजिस्टर्ड आरोपी नहीं है।
अब देखना यह है कि चुनाव नतीजों से पहले शुरू हुआ कैशव मौर्या का यह केंपेन कहां तक सफल हो पाता है।