नई दिल्ली। पाकिस्तान में कथित रूप से लापता हुए दोनों भारतीय मौलवी सोमवार को दिल्ली लौट आए। दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन दरगाह के मौलवी सैयद आसिफ अली निजामी और उनके भतीजे नाजिम अली निजामी भारत पहुंच गए। दोनों मौलवियों ने जासूसी के आरोप में वहां हिरासत में लिए जाने की खबरों का खंडन किया है लेकिन यह नहीं बताया कि वो लापता कैसे हो गए थे। कुछ सवालों पर उन्होंने रहस्यमयी चुप्पी साधे रखी। इधर भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने दोनों पर सवाल खड़े किए हैं। स्वामी ने कहा कि ये दोनों मौलवी अपने बचाव के लिए और सहानुभूति पाने के लिए झूठ बोल रहे हैं। स्वामी ने कहा उनका पाक जाना फिर पाक सरकार का कहना कि उन्हें पता नहीं था तो वो आईएसआई उनके साथ क्या कर रही थी।
देश के खिलाफ काम कर रहे थे
स्वामी ने कहा कि ये उनका कहना है। उनको रॉ एजेंट कहना ये भी उनकी बात है। स्वामी ने कहा कि हमारे पास स्वतंत्र जानकारी है, ये लोग हमारे देश के खिलाफ काम कर रहे थे। स्वामी ने कहा कि जो उन्होंने बताया ये सिर्फ उनकी बातें हैं।
मौलवियों ने हिरासत में लिए जाने का खंडन किया
इस बीच मौलवियों ने पाकिस्तानी मीडिया में जारी उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि उन्हें हिरासत में लिया गया था। उन्होंने कहा, "(पाकिस्तानी) अखबार 'उम्मत' ने हमारे बारे में झूठी खबरें और फर्जी तस्वीरें प्रकाशित की थीं।" नाजिम ने कहा कि उनके ऊपर 'किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं था'। निजामी के बेटे सैयद साजिद अली ने संवाददाताओं को समाचार पत्र में प्रकाशित वह रिपोर्ट भी दिखाई जिसमें कहा गया था कि मौलवियों का भारतीय खुफिया एजेंसी 'रॉ' से संबंध है।