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शामली के थानाभवन क्षेत्र से विधायक राणा यूपी सरकार में राज्यमंत्री बनने के बाद मुजफ्फरनगर पहुंचे थे। सैनी ने पार्टी वर्कर्स से कहा, "मेरे साथ युवाओं की टीम है। ये टीम ऐसी है कि अगर पाकिस्तान-चीन से युद्ध हो जाए तो बिना वेतन लिए सीमा पर जा सकते हैं और मैं भी साथ रहूंगा। कानून वगैरह तो तुम जानते होगे, क्योंकि मैं पढ़ा-लिखा तो हूं नहीं। इस दौरान मंच पर मौजूद राणा और पार्टी नेताओं ने सैनी को रोकने की खूब कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद वो बोलते चले गए। बाद में उनका भाषण खत्म करा दिया गया। प्रोग्राम में मुजफ्फरनगर की सभी 6 सीटों से चुने गए बीजेपी के विधायक कपिलदेव अग्रवाल, प्रमोद टवाल, विजय कश्यप, उमेश मलिक, विक्रम सैनी और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री संजीव बालियान भी मौजूद रहे।
पहले भी लगा था भड़काऊ भाषण देने का आरोप
बीजेपी विधायक विक्रम सैनी मुजफ्फरपुर के उसी गांव कवाल के रहने वाले हैं, जहां तीन हत्याओं के बाद दंगे की शुरुआत हुई थी। उस वक्त विक्रम सैनी कवाल गांव के प्रधान थे और इन पर भड़काऊ भाषण और दंगों का आरोप भी लगा था। जिला प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हे टिकट दिया औद खतौली विधानसभा से चुनाव जीत गए।