भोपाल। यूं तो भाजपा के दिग्गज सत्ता और संगठन के समन्वय तक का दावा करते हैं परंतु जमीनी हालात कुछ और ही हैं। छात्रावासों के सहायक वार्डन को हटाने के लिए भाजपा के 2 विधायकों ने विधानसभा में जमकर हंगामा बरपाया लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। मंत्रीजी ने नई शिकायत मांग ली, जांच का आश्वासन पकड़ा दिया। मामला उज्जैन जिले के नागदा, महिदपुर, खाचरोद और उज्जैन के छात्रावासों के सहायक वार्डन का है। बीजेपी विधायक सतीश मालवीय और अनिल फिरोजिया ने बताया कि इनकी काफी शिकायतें हैं। 3 साल से ज्यादा हो गए, इन्हे हटा दिया जाए, लेकिन मंत्रीजी ने बड़ी ही चतुराई के साथ अधिकारियों के प्रति अपना प्यार प्रदर्शित कर दिया। बोले कोई भी शिकायत मुझे नहीं मिली है। तीन साल में हटाने का कोई नियम भी नहीं है। काफी देर बहस चलने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव और संसदीय कार्यमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें समझाया, मायूस विधायक अपनी सीट पर लौट गए।
क्या हुआ सदन में
सतीश मालवीय- सहायक वार्डनों को हटाने कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई है?
विजय शाह- सहायक वार्डनों को तीन साल में हटाने का कोई नियम नहीं है।
सतीश मालवीय- यह नियम में है। मंत्री जी चाहें तो मैं उन्हें शासन का पत्र उपलब्ध करवा दूंगा।
विजय शाह- समय-समय पर नियमों में बदलाव होता रहता है। यदि संबंधित के खिलाफ कोई शिकायत है, तो हम इसकी जांच करवा लेंगे। कोई गड़बड़ी होगी तो हटा भी देंगे।
अनिल फिरोजिया- बहुत सी शिकायतें हैं। पहले भी पूरे जिले के विधायकों ने शिकायत की है।
बहादुर सिंह चौहान- अध्यक्ष जी, आप मंत्री जी को आदेश दें कि वे उज्जैन जिले के पांचों विधायकों को जांच में शामिल कर लें।
विजय शाह- शिकायत आएंगी तो मैं कोई निर्णय लूंगा। मैं मानता हूं कि कलेक्टर और जिला अधिकारियों के अधिकारों की हमें समीक्षा करनी पड़ेगी। जिन नियमों में परिवर्तन करना होगा, उन्हें परिवर्तित करेंगे।
बहादुर सिंह चौहान- शिकायत ये है कि सभी वार्डनों को हटा दिया है। अपने चहेतों को वार्डन का प्रभार दे दिया गया है।
सतीश मालवीय- इसमें बहुत भ्रष्टाचार हुआ है।
विजय शाह- विधायक कलेक्टर से संतुष्ट नहीं हैं तो मैं भोपाल से अधिकारी भेज कर जांच करवा लेता हूं।
सतीश मालवीय- मंत्री जी ने मेरे प्रश्न का जवाब ही नहीं दिया। भोपाल स्तर के अधिकारी से प्रकरण की जांच करवाएं। मंत्री जी भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में लगे हुए हैं।
अध्यक्ष- भोपाल से अधिकारी भेजकर मंत्री जी जांच करवा लेंगे। आप शिकायत करिए, मंत्री जी उसकी जांच करवाएंगे।
अनिल फिरोजिया- मंत्री जी जांच में विधायकों को शामिल क्यों नहीं करना चाहते हैं। अधिकारियों को क्यों बचाना चाहते हैं?
गोपाल भार्गव- मंत्री जी ने कहा है तो जो भी विषय हो उसे आज ही लिखकर एक शिकायत दे दो, कार्रवाई हो जाएगी।
विजय शाह- अध्यक्ष जी, उस अधिकारी को तो मैं जानता भी नहीं हूं। आप शिकायत दे दें मैं जांच करा लूंगा।
डॉ.नरोत्तम मिश्रा- भोपाल से अधिकारी जाकर जांच करेंगे, ऐसा मंत्री जी ने बोल दिया है।