नई दिल्ली। मप्र की पैसेंजर ट्रेन में हुआ धमाका, आतंकी हमला नहीं था बल्कि अंतर्राष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएस का ट्रायल रन था। सरगना यूपी में मौजूद अपने नेटवर्क की क्षमताओं को जांच रहे थे। इसके बाद किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश थी। इसीलिए यह धमका छोटा था और इस पर ज्यादा खर्चा नहीं किया गया था। मप्र पुलिस और मप्र के मुख्यमंत्री समेत यूपी पुलिस ने भी इस ब्लास्ट में आईएस के हाथ होने की पुष्टि की है।
एक टॉप इंटेलिजेंस ऑफिशल ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट करना सिर्फ एक 'ट्रायल रन' था। उन्होंने कहा कि आगे चलकर ये आतंकी देश में किसी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में थे और उसके लिए उन्होंने काफी तैयारी भी कर रखी थी।
इधर लखनऊ से खबर आ रही है कि ठाकुरगंज इलाके में मारा गया IS का आतंकी सैफुल्लाह का मंसूबा बेहद खतरनाक था। आतंकी के पास से मिले सामान इस बात की तस्दीक करते हैं कि अगर इस आतंकी का मंसूबा कामयाब हो जाता तो भारी तबाही मचती लेकिन एटीएस और यूपी पुलिस की मुस्तैदी से आतंकी का मार गिराया गया। सैफुल्लाह के ठिकाने से जो गोला-बारूद बरामद हुआ है, उससे बड़ा नुकसान पहुंचाया जा सकता था।
एटीएस के आईजी ने बताया कि आतंकी के पास से 650 जिंदा कारतूस, बड़ी मात्रा में विस्फोटक और विस्फोटक बनाने का सामान, भारत का नक्शा, भारतीय करंसी, 8 पिस्टल, बैट्री चार्जर, पासपोर्ट, माउस, छोटी घड़िया, चाकू, सोना, सिमकार्ड और IS का झंडा बरामद किया गया है। यूपी पुलिस ने इस घटना में IS के हाथ होने की पुष्टि की है। सैफुल्लाह को सोमवार देर शाम करीब 11 घंटे चली मुठभेड़ के बाद एसीटी के जवानों ने ढेर कर दिया था।