भोपाल। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत राजीव गांधी जल मिशन के तहत् कार्य कर रहे वाटरशेड समितियों के सचिवों को हटाने के विरोध में तथा सेवा बहाल किये जाने की मांग को लेकर आज 6 हजार वाटरशेड सचिवों ने राजधानी भोपाल के अम्बेडकर मैदान में धरना देकर प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि वाटरशेड सचिवों की सेवाऐं बिना कारण बताए 16 दिसम्बर 2016 को समाप्त कर दी गईं थीं।
जिसके कारण 6 वर्षो तक सेवाएं देने के बाद 6 हजार संविदा वाटरशेड सचिवों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। सभी वाटरशेड सचिव ओवरऐज भी हो गये हैं। वाटरशेड सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त सूर्यवंशी सचिव, कमलेश बरखे, संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर, सरपंच सचिव संघ के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि वाटरशेड सचिवों के साथ वाटरशेड के टीम सदस्यों को भी हटाया था लेकिन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने उनको अन्य योजनाओं मे संविलयन करने के लिए सहमति मांगी है।
उसी प्रकार जब विभाग टीम सदस्यों का संविलयन अन्य योजनाओं में कर सकते हैं तो वाटरशेड सचिवों को भी अन्य योजनाओं में संविलयन कर सकते हैं। वाटरशेड सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त सूर्यवंशी, प्रदेश सचिव कमलेश बरखे, संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि सभी वाटरशेड सचिव ग्रेज्युट एवं पोस्ट ग्रेज्युट हैं साथ में कम्प्युटर का ज्ञान भी है तथा इतने वर्षो का शासकीय कार्य का अनुभव भी है। इसलिए वाटरशेड सचिवों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ही अन्य योजनाएं जैसे मनरेगा आदि में रिक्त पड़े रोजगार सहायक/सचिवों के पद संवलियन कर दिया जाए।
जिससे सभी के परिवारों का लालन पालन हो सके तथा शासकीय सेवा के अनुभवी कर्मचारियों का सरकार को भी लाभ मिल सके। वाटरशेड सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त सूर्यवंशी, प्रदेश सचिव कमलेश बरखे, संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि यदि एक माह के अंदर बहाली नहीं गई तो प्रदेश व्यापी उग्र आंदोलन किया जायेगा और सरकार से आर-पार की लड़ाई की जायेगी।