नई दिल्ली। निश्चित रूप से यह एक इत्तेफाक ही है लेकिन क्या अजब है कि भगवान शिव की नगरी बाराणसी में रैली कर रहे थे और इधर इलाहाबाद में चौक शिवमंदिर में स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा की आखों से आंसू बह रहे थे। रामभक्त हनुमान के अश्रु देखने के लिए भक्तों की भीड़ लग गई।
शहर के अतिव्यस्त इलाके चौक में बादशाही मंडी पुलिस चौकी के पास एक शिव मंदिर है, जिसमें हनुमान की मूर्ति भी स्थापित की गई है। वहां के पुजारी राम किशोर मिश्र (भोला पंडित) की मानें तो शनिवार को सुबह सात बजे जब वह पूजा करने पहुंचे तो देखा कि मूर्ति पर पानी की कुछ बूंदें हैं।
भक्तों का मानना है कि
उनका दावा है कि और गौर से देखने पर पता चला कि वह बूंदें दरअसल मूर्ति की आंखों से निकल रहे आंसू हैं। उन्होंने अन्य लोगों से यह बात बताई तो धीरे-धीरे वहां भीड़ जुटने लगी। कुछ लोग हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ भी करने लगे। ऐसे लोगों का कहना था कि महाशिवरात्रि पर पिछले 25 साल से वहां लगातार पूजा हो रही थी। इस बार व्यवस्थापक के न रहने पर पूजा नहीं हुई। इसीलिए मूर्ति की आंखों से आंसू निकल रहे हैं।
विज्ञान का कहना है कि
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. जगदम्बा सिंह का कहना है कि मूर्ति आमतौर पर पत्थर की बनी होती हैं। उस पर सिंदूर का लगातार लेपन किया जाता है। सिंदूर में मरक्यूरिक ऑक्साइड (HgO) होता है, जो पानी को सोखता रहता है। एक स्थिति ऐसी आती है जब मूर्ति में पानी की मात्रा अधिकतम स्तर तक पहुंच जाती है। ऐसे में मूर्ति पर कुछ बूंदें दिखाई दे सकती हैं लेकिन ऐसा कुछ समय के लिए ही होता है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मूर्ति की आंखों से आंसू निकलने का सही कारण तो टेस्ट के बाद ही बताया जा सकता है।