नई दिल्ली। मुस्लिम महिलाओं में तीन तलाक और ऐसी ही कई सारी महिला विरोधी कुरीतियों का किस स्तर तक विरोध हो रहा है। यह मामला इसका ताजा उदाहरण है। एक मुस्लिम लड़की ने हिंदू रीतिरिवाज से हिंदू परिवार में इसलिए विवाह किया क्योंकि वो मुस्लिम समाज में मौजूद महिला विरोधी कुरीतियों से जूझना नहीं चाहती थी। वो चाहती थी कि एक महिला होने के नाते उसे समाज में सम्मान मिले और तीन तलाक जैसा खतरा उसकी जिंदगी में ना हो।
मामला राजस्थान के जोधपुर के फलोदी कस्बे का है। लड़की का नाम तस्लीमा है। तस्लीमा का कहना है कि हिंदू धर्म महिलाओं की इज्जत करना सिखाता है। हिंदु धर्म महिलाओं को बहन-बेटियों की नजर से देखना सिखाता है। जबकि इसके उलट मुस्लिम धर्म में कई कुरीतियां है जैसे कि आप कई शादियां कर सकते हैं। तस्लीमा का कहना है कि हिन्दू धर्म में जीवनभर अपनी पत्नी के अलावा दूसरी महिलाओं को बहन बेटी की नज़र से देखा जाता है।
उसने कहा कि मुस्लिम समाज में लड़की की मर्जी पूछे बगैर ही उसकी शादी कर दी जाती है। तसलीमा के इस कदम से राजस्थान के अलावा पूरे देश में यह शादी चर्चा का विषय बन गई है। आपको बता दें कि इससे पहले तीन तलाक का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुना जा रहा है। इस मामले में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्रिपल तलाक को बैन करने का इशारा किया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार यूपी विधानसभा चुनाव के बाद ट्रिपल तलाक पर बैन करने की दिशा में कदम उठा सकती है।