भोपाल। शिवराज सिंह सरकार सरपंच और पंचायत सचिवों की हड़ताल के वक्त पंचायतों का काम संभालने वाले रोजगार सहायकों का मानदेय बढ़ाएगी। सरकार ने लगभग दो हजार रुपए अतिरिक्त मानदेय बढ़ाने का फैसला किया है। ये बढ़ोतरी एक अप्रैल 2017 से लागू होगी। इसका लाभ प्रदेश के 23 हजार युवाओं को मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक पंचायतों में मस्टर रोल भरने से लेकर मनरेगा का अधिकतर काम रोजगार सहायक ही करते हैं। ऑनलाइन रिपोर्टिंग का काम भी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इन्हीं से कराता है। प्रधानमंत्री आवास योजना और स्वच्छता मिशन का काम भी रोजगार सहायकों को सौंपा गया है।
इनके लिए अब इन्हें दो हजार रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त मानदेय दिया जाएगा। इसके लिए राशि का इंतजाम प्रदेश सरकार अपने बजट से करेगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि रोजगार सहायक पंचायतों की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इन्हें अभी पांच हजार रुपए महीना मानदेय मिलता है।
इनमें से ज्यादातर कम्प्यूटर पर काम करना जानते हैं और मनरेगा सहित अन्य योजनाओं के लिए पंचायत दर्पण पोर्टल पर डाटा दर्ज करने का काम ये ही करते हैं। इनके महत्व को देखते हुए मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। ये फैसला एक अप्रैल से प्रदेश में लागू हो जाएगा।