
सूत्रों के मुताबिक, 20 वर्षीय समीर चव्हाण जून 2015 में सीमा को लेकर फरार हो गया था। उस वक्त सीमा की उम्र 16 साल 10 महीने थी। सीमा के पिता ने अपनी बेटी को नाबालिग बताते हुए समीर के खिलाफ सीमा फुसलाकर किडनैप कर लेने की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई, लेकिन पुलिस इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई। अगस्त 2016 में समीर ने सीमा के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सीमा और अपनी शादी के बारे में सूचना दी। साथ ही उसने आईपीसी की धारा 482 के इस्तेमाल के लिए हाई कोर्ट में अपील दायर की कि उसके खिलाफ की गई एफआईआर को रद्द किया जाए।
समीर की अपील को मंजूर करते हुए कोर्ट ने उसके खिलाफ दायर की गई एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीमा के पिता का पक्ष भी जाना। पिता द्वारा सहमति जताए जाने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। पूर्व ने कोर्ट ने एफआईआर के बाद घटना की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों से समीर द्वारा दिए गए शादी के प्रमाणों की सत्यता जांचने के आदेश दिए थे। सभी प्रमाण सही पाए जाने के बाद कोर्ट ने सीमा और समीर की शादी को वैध करार दिया।