हवाई यात्रा के लिए तड़प रहे हैं चप्पलमार सांसद, फिर बुक किया टिकट

नई दिल्ली। एयर इंडिया के कर्मचारी को चप्पल से मारने वाले शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ अब हवाई यात्रा करने के लिए तड़प रहे हैं। कई कंपनियों ने उन्हे बैन कर रखा है। इसके खिलाफ वो कानूनी कार्रवाई भी कर रहे हैं। लोकसभा में शिवसेना सांसदों ने उनके समर्थन में विशेषाधिकार हनन का मामला प्रस्तुत किया है परंतु गायकवाड़ा अपनी बेचैनी रोक नहीं पा रहे हैं। उन्होंने किसी भी तरह का फैसला आने से पहले एक बार फिर मुंबई से दिल्ली के लिए एअर इंडिया का टिकट बुक किया, लेकिन AI ने ये टिकट कैंसिल कर दिया। पिछली बार टिकट केंसिल होने पर उन्हे रेल से जाना पड़ा था और आधी यात्रा के दौरान ही उनकी तबीयत खराब हो गई थी। 

बता दें कि रवींद्र गायकवाड़ ने एअर इंडिया कर्मचारी के साथ मारपीट की थी और माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था। वो बार बार दोहरा रहे थे कि मारपीट करके उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया। कानून बनाने वाले सांसद का कानून तोड़ना कोई गलत बात नहीं है। उनकी इसी अकड़ के चलते भारत की 7 एयरलाइन्स ने शिवसेना सांसद को 'नो फ्लाई लिस्ट' में डाल दिया है। 24 मार्च को गायकवाड़ ने दिल्ली से पुणे के लिए एअर इंडिया और इंडिगो से टिकट बुक की, लेकिन दोनों ने इसे कैंसल कर दिया था। 

कपिल के बहाने सांसद को बचाने की कोशिश
शिवसेना ने यह मुद्दा सोमवार को लोकसभा में उठाया। कहा, "कपिल शर्मा (कॉमेडियन) ने फ्लाइट में नशे में बदसलूकी की थी, लेकिन उन पर बैन नहीं लगा, तो हमारे सांसद पर बैन क्यों लगाया गया? एयरलाइन्स का सांसद पर बैन गलत है। यहां यह जानना जरूरी है कि कपिल शर्मा ने अपने साथी के साथ मारपीट की थी जबकि सांसद ने एयरलाइंस के कर्मचारी के साथ। कपिल बार बार माफी मांग रहा है, जबकि सांसद ने एक बार भी खेद नहीं जताया। 

सरकार भी नहीं दे रही साथ 
हालांकि सरकार ने बैन हटाने को लेकर कोई पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं दिया। सिविल एविएशन मिनिस्टर अशोक गजपति राजू ने कहा, "नियम सबके लिए बराबर है। DGCA ने सेफ्टी गाइडलाइंस के मुताबिक कदम उठाया है।" बता दें कि एअर इंडिया समेत 6 एयरलाइन्स ने शिवसेना सांसद को 'नो फ्लाई लिस्ट' में डाल दिया है।

हो सकती है 7 साल तक की सजा
शिवसेना सांसद के खिलाफ आईपीसी 308 और 355 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि आईपीसी 308 (गैर-इरादतन हत्या की कोशिश है, यानी किसी शख्स पर हमला करने से उसकी जान को खतरा हो जाए, जबकि इरादा जान लेने का ना हो) इसमें 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है। जबकि आईपीसी 355 (बदसलूकी और बलपूर्वक हमला करना) में 2 साल की सजा हो सकती है।

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