राकेश दुबे@प्रतिदिन। कल भोपाल-उज्जैन पैसेंजर में हुए धमाके बाद देश भर से जो खबरे आई, वे मध्यप्रदेश के लिए ज्यादा खतरनाक है। सही मायने में प्रदेश में सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोग और प्रदेश को शांति का टापू कहने वाले लोगों ने नागरिकों को मुगालते में रखा हुआ था और है। इस घटना के बाद सारे सरकारी बयान बदहवासी से भरे थे, बिना किसी आधार के मोबाईल की बैटरी फटने जैसी बात सबसे पहले कही गई। ट्रेन के डिब्बे की छत में हुआ छेद बता रहा था कि सरकारी गुप्तचर व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था तो लचर है ही, बयान देने की जल्दबाजी ने सामान्य विवेक का भी हरण कर लिया था। देश भर से आई सूचना, लखनऊ में आतंकवादी सैफुल का मारा जाना उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश से सैफुल के साथियों का पकड़ा जाना इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में आई एस आई एस ने दस्तक दी है।
पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के भोपाल-उज्जैन रेलखंड के कालापीपल और सीहोर रेलवे स्टेशन के बीच जबड़ी रेलवे स्टेशन पर भोपाल से उज्जैन जा रही पैसेंजर ट्रेन के जनरल कोच में मंगलवार सुबह धमाका होने से 10 रेल यात्री घायल हो गये। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री ने इस धमाके को मोबाईल फटने और बादमे एक आतंकी वारदात बताया।’ प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में अब तक प्रदेश के होशंगाबाद जिले के पिपरिया से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है।
कल ट्रेन विस्फोट के बाद तेलंगाना पुलिस की वो चेतावनी देश भर फिर चर्चित हुई, जो उसने मध्यप्रदेश सहित सारे राज्यों को भेजी थी कि कहाँ-कहाँ आई एस आई एस के माड्यूल सक्रिय है। उसने अपने राज्य में ऐसे माड्यूलों का सफाया भी किया है।
मध्यप्रदेश में इस को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। मध्यप्रदेश में नागरिक सुरक्षा का दायित्व यदि सरकार है तो प्रतिपक्ष को गलत लोगों की हिमायत से बचना चाहिए। सिर्फ मुआवजा देना ही सरकार का काम नही है, उसका कर्तव्य तो यहाँ से शुरू होता है। अपनी बदहवास मशीनरी को दुरुस्त करे। सबसे ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी हम नागरिकों की भी है, जिन्हें समय रहते सटीक सूचना सही लोगों को देना चाहिए। ये मामला राजनीति करने और बदहवासी से उबरने तक का नही है। जागने का है, सबके जागने का।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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