भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपनी महत्वपूर्ण यात्रा पर हैं। उन्होंने इसे 'नर्मदा सेवा यात्रा' का नाम दिया है। इस यात्रा के बहाने वो काफी कुछ करना चाहते हैं। इसमें से बहुत कुछ होता भी जा रहा है परंतु मप्र की निलंबित दलित आईएएस शशि कर्णावत अब शिवराज के लिए सिरदर्द लेकर आ रहीं हैं। वो शिवराज की यात्रा के पीछे पीछे पोलखोल परिक्रमा लगाएंगी। नर्मदा वहीं होगी लेकिन यात्रा करने वाले बदल जाएंगे। जनता भी वही होगी, लेकिन संबोधित करने वाले लोग बदल जाएंगे। शिवराज सिंह जो कुछ जमाते आ रहे हैं, शशि कर्णावत वही सबकुछ मिटा सकतीं हैं, बशर्ते उन्हे वो बैकअप मिल जाए। शशि कर्णावत रामनवमी से नर्मदा यात्रा शुरू करने वाली हैं। फिलहाल वे अयोध्या में हैं। रामनवमी को भोपाल आएंगी और लौटकर नर्मदा यात्रा शुरू करेंगी।
उनका कहना है कि सीएम शिवराजसिंह की नर्मदा यात्रा 2018 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए आदिवासी वोट बैंक को रिझाने के लिये हो रही है। मेरी यात्रा पूरी तरह से धार्मिक और आध्यात्मिक होगी। मैं तो नर्मदा के निर्मल जल से अपने मन को निर्मल करने के लिये यह यात्रा कर रही हूं। निलंबित आईएएस शशि कर्णावत ने कहा है कि वो अयोध्या में जानकी घाट पर रसिक पीठाधीश्वर के सान्निध्य में पूजा-अर्चना में व्यस्त हैं। भगवान राम की मर्यादा और सरयू की पवित्रता के साथ वो अपने मन को निर्मल बनाने के लिये नौ दिनों तक व्रत-साधना में लीन रहेंगी।
रामनवमी को वो मध्यप्रदेश वापस लौटेंगी और नर्मदा सेवा यात्रा की शुरुआत करेंगी। यात्रा के स्वरूप पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी नर्मदा के उद्गम से लेकर सागर में मिलने तक के स्थान की यात्रा कर चुकी हैं। सीएम शिवराज सिंह की नर्मदा यात्रा के बारे में कहा कि अगर उन्हें आमंत्रित किया जाता तो वो उस पर विचार करतीं। प्रदेश सरकार की नर्मदा सेवायात्रा धार्मिक और आध्यात्मिक न होकर पूरी तरह से राजनीतिक है। इस यात्रा का उद्देश्य 2018 के चुनावों के पहले आदिवासी वोट बैंक को भाजपा के पक्ष में करने की कोशिश है।
मैं तो धार्मिक और आध्यात्मिक शांति चाहती हूं, इसलिए यह यात्रा कर रही हूं। सीएम के समांतर नर्मदा-यात्रा के सवाल पर उनका कहना है कि यह अलग किस्म की यात्रा है। वो सिर्फ मन की शांति के लिए मां नर्मदा के निर्मल जल से अपने मन को निर्मल करने का प्रयास कर रही हैं। शशि ने कहा कि वे बुंदेलखंड की हैं। बचपन से मां नर्मदा के प्रति अपार श्रृद्धा का भाव पाया है। बुंदेलखंड में मां नर्मदा से संबंधित भजनों में गहरा अर्थ और गूढ़ रहस्य छुपे हैं। मेरी यात्रा का आगाज बुंदेलखंडी भजनों के साथ होगी। नर्मदा के हर घाट पर पहुंचूंगी और पूजा करूंगी।
अपने निलंबन और बहाली की के संबंध में उन्होंने कहा कि अभी चार साल मेरी सेवा शेष है। 2020 में रिटायरमेंट है। फैसला सरकार के हाथ में है। जब सीएम शिवराज सिंह चाहेंगे, तब उनकी बहाली होगी। गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के मामले में लगभग पिछले 42 महीने से निलंबित चल रही शशि कर्णावत की निलंबन अवधि 12 अप्रैल को समाप्त होने जा रही है। उनके नर्मदा यात्रा के एलान को सरकार पर दबाब बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।