नई दिल्ली। यूपी में बंपर जीत के बाद बीजेपी ने यूपी की चुनावी रणनीति को अपना मंत्र बना लिया है। अब वो गुजरात में भी बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ेगी। बीजेपी ने अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दीं हैं। 1995 के बाद यह पहली बार होगा जब बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ा जाएगा। इतना ही नहीं चुनाव जीतने के बाद गुजरात में डिप्टी सीएम भी बनाया जाएगा। ऐसी अटकलें हैं कि जुलाई या सितंबर में चुनाव कराया जा सकता है।
दरअसल, पार्टी पूरा इलेक्शन यूपी की तर्ज पर लड़ना चाहती है। यही वजह है कि बीजेपी ने 'यूपी में 300, गुजरात में 150' का स्लोगन दिया है। उधर, तय वक्त से पहले चुनाव कराए जाने की अटकलों के बीच कांग्रेस भी तैयारी में जुट गई है। बता दें कि गुजरात में 2012 में इलेक्शन हुए थे।
बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि सीएम कैंडिडेट का एलान नहीं करने की बड़ी वजह पार्टी में बढ़ती गुटबाजी है। बीजेपी आलाकमान नहीं चाहता है कि किसी एक के नाम पर चुनाव लड़ा जाए। अगर ऐसा किया जाता है तो पार्टी में भितरघात हो सकता है। इससे पार्टी को नुकसान होगा। पार्टी ने यूपी में बिना फेस के चुनाव लड़ा था। बीजेपी अलायंस ने 325 सीट पर जीत दर्ज की, जिसमें पार्टी की 321 सीट हैं।
22 साल बाद पार्टी का सीएम कैंडिडेट नहीं होगा
बीजेपी गुजरात में पहली बार 1995 में सत्ता में आई थी। तब पार्टी ने बिना सीएम कैंडिडेट का एलान किए चुनाव लड़ा था। जीत के बाद केशुभाई पटेल को सीएम बनाया गया था। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ऐसी अटकलें हैं कि जुलाई या सितंबर में चुनाव कराया जा सकता है। दूसरी तरफ, सीएम विजय रूपानी ने कहा कि पार्टी को पांच साल के लिए जनादेश मिला है और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि दिसंबर में ही चुनाव कराए जाएंगे।