जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अजाक्स चुनाव में मनमानी किए जाने के रवैये को कठघरे में रखने वाली याचिका पर निर्वाचन अधिकारी सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। न्यायमूर्ति श्रीमती नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता दमोह निवासी प्रेमलाल अहिरवार की ओर से अधिवक्ता श्रीमती सुधा गौतम ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता अजाक्स चुनाव में अध्यक्ष पद का उम्मीदवार था। उसने कंछेदीलाल अहिरवार नामक दूसरे प्रत्याशी का पर्चा निरस्त किए जाने की मांग की थी। इस सिलसिले में बाकायदे प्रांतीय अध्यक्ष एसएस बोकाड़िया और निर्वाचन अधिकारी स्थानीय तहसीलदार के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत कर दी गई थी।
इसके बावजूद मनमाने तरीके से पर्चा निरस्त नहीं किया गया। दरअसल, अजाक्स के बायलॉज में साफ लिखा है कि किसी दूसरे संघ का पदाधिकारी चुनाव में प्रत्याशी नहीं हो सकती। कंछेदीलाल पटवारी संघ का जिला अधिकारी था। इसके बावजूद उसने अजाक्स का चुनाव लड़ा और जीत गया।