नई दिल्ली। कांग्रेस की लगातार बिफलता और उत्तरप्रदेश से आ रहीं समीक्षाओं को देखते हुए संगठन में अब बड़े बदलाव की तैयारी चल रही है। कमार युवाओं के हाथ में सौंपने की रजामंदी हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अब आराम दिया जाएगा। राहुल गांधी उनकी जगह लेंगे। कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट की खाली होने वाली सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बिठाया जाएगा। मप्र में हुई हार के बाद 10 साल का सन्यास भोग चुके दिग्विजय सिंह को भी अब वरिष्ठ नेताओं की लिस्ट में डालकर ज्यादातर जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जिस तरह के नतीजे सामने आए हैं, उसके बाद से कांग्रेस गहरे संकट में दिख रही है। कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी आलाकमान पर संगठन में बदलाव की मांग की है। वहीं कुछ नेता पार्टी से इसकदर नाराज हैं कि वो पार्टी छोड़ने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। यूपी-उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार, पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए बड़े झटके से कम नहीं है। राहुल गांधी इसलिए भी विरोधियों के निशाने पर हैं क्योंकि इस बार के चुनाव की सारी रणनीति उन्होंने ही बनाई। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस उन्ही के नेतृत्व में चुनाव में उतरी। लगातार कांग्रेस के गिरते ग्राफ के बाद अब पार्टी आत्म निरीक्षण की स्थिति में है। माना जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी देने पर विचार कर रही है।
आने वाले वक्त में उन्हें कांग्रेस संसदीय समिति का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, इसके उपाध्यक्ष हो सकते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे को पब्लिक अकाउंट कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वहीं राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नेता प्रतिपक्ष बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।