मंदसौर। अष्टभुजी पशुपतिनाथ की मूर्ति में दरार आ गई है। इस शिवरात्रि के बाद से यह लगातार बढ़ती ही जा रही है। भक्त काफी परेशान हैं। कहा जा रहा है कि यह दरार छोटी थी, लेकिन शिवरात्रि के दौरान दूध-दही और जल से अभिषेक के बाद बढ़ गई है। मंदिर प्रबंधन इससे काफी चिंतित है। खबर है कि प्रतिमा के माथा वाले हिस्से में से लगातार पत्थर निकल रहे हैं।
यह मंदिर विश्व में काफी प्रसिद्ध है और यहां दूर-दूर से लोग आते हैं। कुछ साल के भीतर ही मंदिर की देखरेख पर आठ करोड़ से अधिक की राशि खर्च हो चुकी है। दरार को देख कर 2008-09 में वहां के कलेक्टर ने पहल कर महाराष्ट्र की एक कंपनी के मार्फत दरारों को भरने के लिए खास रसायन का लेप कराया था। 2013 में जिला प्रशासन के आदेश के बाद से जल से अभिषेक रोक दिया गया। इस क्षरण को रोकने के लिए 2016 में भी एक कंपनी ने प्रजेंटेशन दिया था।
नासिक की इस कंपनी ने यह दावा भी किया था कि उक्त लेप के बाद अगले 50 साल तक मूर्ति में क्षरण नहीं होगा। दूसरी ओर कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह मूर्ति बालू पत्थर से बनी है। इस पर जो धारियां हैं वे क्वार्ड और केलसाइड से मिलकर बनती है। जल जब इस पर गिरता है तब वह क्षरित होता है। एकतरह से रासायनिक क्रिया होती है।