नई दिल्ली। रामजस कालेज विवाद और सोशल मीडिया के जरिए छात्रा गुरमेहर कौर की आवाज संसद भवन में भी गूंजेगी। गुरमेहर पर आपत्तिजनक हमले के बहाने विपक्ष एकजुट होकर संसद में इस मामले पर सरकार की घेराबंदी करेगा। जेएनयू के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के इस विवाद के सहारे विपक्ष अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कथित आघात के मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगा। इसके लिए विपक्ष की लामबंदी भी तेज़ हो गई है। कांग्रेस ने सरकार पर नोटबंदी के बाद लोगों की जुबानबंदी का अभियान शुरू करने की बात कह वामपंथी दलों से इस मामले में तालमेल का पहले ही संकेत दे दिया है।
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण एक महीने के अवकाश के बाद उत्तरप्रदेश के चुनाव खत्म होने के अगले दिन 9 मार्च से शुरू हो रहा है। इसमें साफ तौर पर गुरुमेहर और रामजस कालेज का विवाद विपक्ष के प्रमुख एजेंडे में रहेगा। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने स्पष्ट संकेत देते हुए कह भी दिया है कि रामजस कालेज विवाद में जिस तरह राष्ट्रवाद को हिंसक अंदाज में परिभाषित किया गया है, उसे संसद में विपक्ष उठाएगा। बताया जाता है कि इस मामले पर वामपंथी दल और कांग्रेस दोनों मिलकर विपक्ष के अन्य दलों को साथ लाकर सरकार पर एकजुट हमले की कोशिश करेंगे।
खासकर भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी के दिल्ली पुलिस के कथित संरक्षण में वामपंथी छात्र संगठन आइसा के सदस्यों से मारपीट और इसके खिलाफ आवाज उठाने वाली छात्रा गुरमेहर को सोशल मीडिया पर दुष्कर्म की धमकी देने को संसद में उठाते हुए सरकार पर विचारों की आजादी छीनने का आरोप लगाया जाएगा।