
शिक्षा विभाग में ही राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद, लोक शिक्षण संचालनालय, राज्य ओपन, पाठ्यपुस्तक निगम, माध्यमिक शिक्षा मण्डल, संस्कृत बोर्ड आदि में हजारों नियमित पद रिक्त पड़े हैं, उन रिक्त पदों पर राज्य एवं जिला शिक्षा केन्द्र के संविदा कर्मचारियों का संविलयन कर दिया जाए इससे सरकार के ऊपर कोई वित्तीय भार भी नहीं आयेगा। सविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने शिक्षा मंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में उपयंत्रियों के साथ अन्याय हो रहा है। वो हैं सर्वशिक्षा अभियान के उपयंत्री और उनसे सर्वशिक्षा अभियान के कार्य के साथ-साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कार्य भी कराये जा रहे हैं।
जिले के कलेक्टर एवं अधिकारी मिटिंगों में उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं, शौचालय हितग्राहियों को बनाना है दबाव उपयंत्रियों पर डाला जा रहा है। कई स्थानों पर उपयंत्रियों को बिना उनकी गलती के सेवा समाप्त कर दी गई हैं। ऐसे उपयंत्रियों की सेवा बहाल की जाए अन्यथा संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ आंदोलन करेगा। राज्य एवं जिला शिक्षा केन्द्रों में इन पदों पर संविदा कर्मचारी अधिकारी कार्य कर रहे हैं , भृत्य, लिपिक, डाटा एन्ट्री आपरेटर, प्रोग्रामर, सहायक यंत्री,, उपयंत्री,, बीआरसी,, बीएसी, स्टेनो ग्राफर, एम.आई.एस कार्डिनेटर, मोबाईल स्त्रोत्र सलाहकार सहायक वार्डन, डाफट्स मेन, सहायक परियोजना समन्वयक वित्त, महिला जेन्डर समन्वयक, चौकीदार आदि।