नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को मनोहर पर्रिकर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। गोवा का मुख्यमंत्री बनने के लिए पर्रिकर ने सोमवार को रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। अब रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभाव अरुण जेटली को मिला है। बता दें, अरुण जेटली अभी वित्त मंत्रालय भी संभाल रहे हैं।
पर्रिकर ने कहा था, ‘मैंने रक्षा मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया। त्याग पत्र सोमवार सुबह प्रधानमंत्री कार्यालय भेज दिया है।’ गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने तटीय राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए पर्रिकर को आमंत्रित किया है। इससे पहले पर्रिकर ने रविवार को 22 विधायकों के समर्थन वाला एक पत्र राज्यपाल को सौंपा था। मंगलवार शाम को पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। इनके साथ ही एमजीपी के नता सुदीन धावलेकर डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेंगे।
बता दें, पर्रिकर अभी राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन उन्हें सीएम बनने के लिए राज्यसभा की सदस्यता छोड़नी होगी। पर्रिकर अब विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, इसके लिए उन्होंने मापुसो सीट चुनी है। इस सीट से चुने गए भाजपा विधायक को पर्रिकर की जगह राज्यसभा भेजा जाएगा।
पर्रिकर ने 2012 के गोवा चुनाव में विजय दिलाई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर नौ नवंबर 2014 को रक्षा मंत्री का पद संभाला था।
पर्रिकर ने कहा, ‘शुरूआती तौर पर रक्षा मंत्री की भूमिका में मुझे दिक्कत हुई लेकिन पिछले ढाई साल में मैंने अपना काम अच्छे से किया। मैंने इसे पूरी ईमानदारी से किया। रक्षा मंत्रालय एक ऐसा मंत्रालय है जहां हमेशा मंत्री के खिलाफ आरोप लगते हैं, लेकिन ढाई साल में बहुत सारी खरीद के बावजूद मंत्रालय या मेरे खिलाफ एक आरोप नहीं लगा। अगर मैं रक्षा मंत्री के तौर पर अपनी उपलब्धियों का मूल्यांकन करता हूं तो मैं कह सकता हूं कि मैंने बलों के मनबोल को ऊंचा करने और अच्छी खरीद की दिशा में काम किया है।’