नई दिल्ली। गोवा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस सरकार नहीं बना पाई। कांग्रेस, राज्यपाल के न्यौते का इंतजार करती रही और मनोहर पर्रिकर अपना दावा लेकर राजभवन में उपस्थित हो गए। राज्यपाल ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया। कांग्रेस राज्यपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हे वापस लौटा दिया। अब 15 दिन के भीतर फ्लोर टेस्ट होगा जिसमें पर्रिकर को अपना दावा साबित करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस को इस मामले में फटकार भी लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर आप पहले गवर्नर के पास अपने संख्याबल के साथ जाते और फिर सुप्रीम कोर्ट आते को हमारे लिए फैसला लेना आसान होता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आपके पास संख्या बल था तो पहले गवर्नर के पास जाना चाहिए था।
अदालत में कांग्रेस ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम गोवा में सरकार बना सकते हैं। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी है। राज्यपाल को इस मामले में सबसे बड़ी पार्टी से चर्चा करनी चाहिए थी।
कांग्रेस का तर्क था कि
कांग्रेस का आरोप है कि गोवा की राज्यपाल को सबसे बड़े दल को पहले मौका देना चाहिए। बीजेपी को सरकार बनाने का मौका देने से विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा।
पर्रिकर को सरकार बनाने का न्योता
इससे पहले गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मनोहर पर्रिकर को सरकार बनाने का न्योता दिया। उन्होंने रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। पर्रिकर ने 21 विधायकों का समर्थन होने का एक पत्र राज्यपाल को सौंपा था। कांग्रेस ने गोवा की राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए।
सबसे बड़े दल को मिले मौका: कांग्रेस
पर्रिकर की ताजपोशी से पहले कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से आग्रह किया था कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए। राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस विधायक दल ने दावा किया कि पार्टी के पास विधायकों का पर्याप्त समर्थन है और वह सदन के पटल पर बहुत साबित कर सकती है।
अवकाश के दिन लगी सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ
इस बीच कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर के आवास पर याचिका दायर की गई और न्यायमूर्ति खेहर ने मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमति जताई। इस सिलसिले में विशेष पीठ का गठन किया गया है क्योंकि शीर्ष अदालत होली पर एक सप्ताह के अवकाश पर है। गोवा कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कवलेकर की ओर से दायर इस याचिका में मांग की गई है कि पर्रिकर के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर रोक लगाई जाए।
15 दिन में बहुमत साबित करना होगा
कांग्रेस की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया जब पर्रिकर के नेतृत्व में भजापा ने गोवा में अगली सरकार बनाने के लिए औपचारिक रूप से दावा पेश कर दिया। भाजपा की ओर से दावा पेश करने के बाद राज्यपाल ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया और उनसे शपथ लेने के 15 दिनों के भीतर बहुमत साबित करने को कहा।
जेटली बोले- सबसे बड़े गठबंधन को न्योता संवैधानिक
गोवा और मणिपुर में भाजपा के सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि खंडित जनादेश की स्थिति में बहुमत वाले गठबंधन के नेता को न्योता देने में राज्यपाल संवैधानिक रूप से सही हैं। जेटली ने ट्वीट किया, ‘खंडित जनादेश वाले विधानसभा में यदि विधायकों का बहुमत एक गठबंधन बनाता है तो सरकार गठन के लिए राज्यपाल द्वारा बहुमत वाले गठबंधन को न्योता देना और उसका एक संक्षिप्त अवधि में बहुमत साबित करना संवैधानिक रूप से सही होगा।’ मणिपुर में कांग्रेस ने 28 सीटें जीती हैं जबकि भाजपा को 21 सीटें मिली हैं। यहां राज्यपाल ने कांग्रेस के दावे को अस्वीकार कर दिया था। तर्क दिया था कि केवल एक शपथ पत्र से संख्या का अनुमान लगाना गलत होगा।