नईदिल्ली। यूपी में मायावती पर भद्दी टिप्पणी करने के कारण 6 साल के लिए निष्कासित किए गए भाजपा नेता दयाशंकर सिंह को उत्तरप्रदेश में मिले प्रचंड बहुमत के बाद सम्मान सहित वापस बुला लिया गया है। इस मामले ने दयाशंकर सिंह का काफी फायदा ही पहुंचाया। एक आपराधिक मामला दर्ज हुआ परंतु उनकी पत्नी विधायक बन गईं और शायद मंत्री भी बनेंगी। वो खुद एक दिग्गज नेता पहले से ही हैं। मायावती पर भद्दी टिप्पणी के बाद आरएसएस का हर नेता भी उनसे परिचित हो गया। दयाशंकर की पत्नी और बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्वाति सिंह ने लखनऊ के सरोजनी नगर विधानसभा सीट से 34,047 वोट से जीत दर्ज की है। उन्होंने इस सीट पर अखिलेश यादव के चचेरे भाई अनुराग यादव को हराया।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि पिछले साल जुलाई में बसपा मुखिया मायावती के बारे में भद्दी टिप्पणी करने पर पार्टी से निकाले गये सिंह का निष्कासन रद्द करके उन्हें दोबारा पार्टी में वापस ले लिया गया है। आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मऊ में संवाददाताओं से बातचीत में बसपा अध्यक्ष मायावती के बारे में भद्दी टिप्पणी करते हुए उन पर ज्यादा से ज्यादा धन देने वालों को पार्टी का चुनाव टिकट बेचने का आरोप लगाया था।
हालांकि मामला तूल पकड़ने पर सिंह ने माफी भी मांग ली थी लेकिन उन्हें पार्टी से छह साल के लिये निकाल दिया गया था। सिंह के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम और भारतीय दंड सहिता की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में, सिंह को गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी की मांग को लेकर बसपा कार्यकतार्ओं ने लखनऊ के हजरतगंज में जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए दयाशंकर सिंह की मां, बहन और पत्नी के खिलाफ नारे लगाते हुए आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। उस प्रदर्शन की अगुवाई बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने की थी।
इस मामले में सिंह की मां तेतरा देवी की तरफ से हजरतगंज कोतवाली में बसपा मुखिया मायावती, महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर आदि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। स्वाति ने इन तमाम आरोपियों की गिरफ्तारी ना होने पर सवाल उठाते हुए मायावती के खिलाफ मोर्चा खोला था। इसको लेकर वह सुर्खियों में आयी थीं।