भोपाल। अब आप से सबसे शर्मनाक घोटाला कह सकते हैं। गरीब लोगों की मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिए सरकार की ओर से मुहैया कराई जाने वाली नाममात्र की राशि में भी नौकरशाही ने घोटाला कर डाला। इस योजना के तहत 3 से 25 हजार तक सहायता दी जाती है। अधिकारियों ने फर्जी मौतों के आंकड़े दिखाकर 26 लाख रुपए निकाल लिए। योजना के तहत मजदूर की मृत्यु होने पर अंत्येष्टि के लिए तीन हजार व अनुग्रह सहायता राशि (45 वर्ष की आयु तक 75 व उसके बाद 60 वर्ष की आयु वालों तक को 25 हजार) दी जाती है, लेकिन इसमें भी मौत का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर पैसा निकालने व दस्तावेजों में हेरफेर करने के मामले सामने आए हैं।
यहां हुआ ये भ्रष्टाचार
नगर पालिका परिषद सारणी बैतूल के श्रम कार्यालय, बुरहानपुर तथा नगर पालिक निगम उज्जैन के 16 दावा प्रकरणों की राशि में 5 लाख 86 हजार रुपए मृत्यु के फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर निकाले गए।
नगर पालिक निगम उज्जैन में पांच प्रकरणों में दावा प्रकरणों में सांठगांठ कर 3 लाख 90 हजार रुपए का दोहरा भुगतान किया गया।
योजना के तहत 4 लाख 49 हजार रुपए उन लोगों को बांट दिए गए जो इसके पात्र ही नहीं थे। यह कार्य नगर पालिक निगम उज्जैन और जनपद पंचायत बुरहानपुर में दस मामलों में होना सामने आया।
नगर पालिक निगम देवास, जनपद पंचायत सोनकच्छ तथा नगर पालिक निगम ग्वालियर में ऐसे छह मामले कैग ने पकड़े जहां जानकारी छिपाते हुए 25 की जगह 75 हजार का भुगतान किया गया।