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सीबीएसई सत्र 2017-18 से अपने मूल्यांकन प्रक्रिया में बदलाव करने जा रही है जिसके कारण अगले साल से दसवीं कक्षा की परीक्षा देने वाले छात्रों को छह विषयों की पढ़ाई करनी पड़ेगी। 2017-18 शैक्षणिक वर्ष से व्यावसायिक विषय का अध्ययन अनिवार्य कर दिया गया है। राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा (एनएसक्यू एफ) के तहत अनिवार्य विषय के तौर पर व्यवसायिक विषय की शिक्षा दे रहे स्कूलों के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में अपने मूल्यांकन के तौर तरीकों को नये सिरे से ढाला है।
अब इन सभी 13 विषयों में सैद्धांतिक और प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। 50 अंकों का सैद्धांतिक प्रश्न पत्र होगा और 50 अंकों का ही प्रेक्टिकल होगा। सीबीएसई का कहना है कि यदि छात्र तीन वैकल्पिक विषयों विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित में से एक में भी अनुत्तीर्ण हो जाता है तो इसके जगह पर व्यवसायिक विषय (छठे अतिरिक्त विषय) को प्रतिस्थापित किया जा सकेगा। इसमें बताया गया है, तदनुसार बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा। यदि विद्यार्थी अनुत्तीर्ण होने वाले विषय में परीक्षा देना चाहेगा तो वह पूरक परीक्षा भी दे सकेगा।