कोलकाता। 17 बच्चों की तस्करी के मामले में भाजपा की महिला नेता जूही चौधरी की गिरफ्तारी के बाद अब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं सांसद रूपा गांगुली से भी पूछताछ होगी लेकिन इससे पहले पश्चिम बंगाल पुलिस इनके खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा रही है। इस मामले में सबसे पहले अरेस्ट हुए चंदन चक्रवर्ती ने अपने इकबालिया बयान में दोनों बड़े नेताओं का नाम लिया है।
पश्चिम बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग ने दावा किया है कि इस मामले से BJP के बड़े नेताओं के नाम जुड़े हैं। पुलिस ने पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के पूछताछ की गुंजाइश से भी इनकार नहीं किया है। पुलिस ने बताया कि BJP के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली की भूमिका की जांच चल रही है। वहीं, BJP का मानना है कि यह ममता बनर्जी की बदले की सियासत का मामला है। वह रोज वैली और शारदा चिट फंड स्कैम का बदला ले रही हैं।
केंद्रीय ऐजेंसी के निर्देश पर शुरू हुई थी जांच
बच्चों की तस्करी का केस जनवरी में शुरू हुआ, जब केंद्रीय एजेंसी ने CID को एक शिकायत फॉरवर्ड की। जांच करने वाली टीम चंदन चक्रवर्ती के पीछे पड़ी थी, जो एक NGO और कई अनाधिकृत अडॉप्शन सेंटर्स चलाते है। जांच करते-करते वे 30 साल की BJP नेता जूही चौधरी तक पहुंचे। वह उस वक्त बंगाल BJP महिला मोर्चा की महासचिव थीं। पड़ताल में पुलिस के हाथ वह फुटेज लगी, जिसमें जूही को चंदन को संबंधित मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री के ऑफिस में देखा जा सकता था।
बंगाल सरकार ने सस्पेंड कर दिया था लाइसेंस
सूत्रों का कहना है कि चंदन ऐसे 3 सेंटर चला रहे थे और उन्हें इनमें से एक 'आश्रय' के लिए सस्पेंशन लेटर मिल चुका था। इन तीनों में आश्रय इकलौता सेंटर था, जिसे राज्य सरकार की अडॉप्शन एजेंसी के तहत लाइसेंस मिला हुआ था। राज्य सरकार के लाइसेंस कैंसल करने के बाद चंदन ने जूही से केंद्रीय मंत्री से मिलवाने को कहा। वह रेग्युलर प्रॉसेस की अनदेखी करके इसके लिए केंद्र सरकार का लाइसेंस चाहते थे। CID के सूत्रों ने यह भी कहा कि चंदन की मदद की एवज में जूही को नॉर्थ बंगाल में रिजॉर्ट देने का वादा किया गया था और वह जानती थीं कि वह क्या कर रही हैं।