भोपाल। नर्मदा संरक्षण के नाम पर सीएम शिवराज सिंह की नर्मदा सेवा यात्रा के बारे में अब तक आरोप लग रहे थे कि वो नर्मदा किनारे की 100 से ज्यादा विधानसभा में चुनावी जमावट कर रहे हैं, परंतु बीते रोज उन्होंने अपने बेटे कार्तिकेय को लांच कर दिया। अब नया आरोप यह है कि क्या कार्तिकेय को राजनीति में लांच करने के लिए शिवराज सिंह ने नर्मदा सेवा यात्रा शुरू की थी। यहां याद दिला दें कि आगामी विधानसभा दंगल में नेतापुत्रों की पहलवानी दिखाई देगी। भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को मिलाकर 50 से ज्यादा नेतापुत्र लंगोट बांधकर तैयार हो चुके हैं।
बीते रोज जैत गांव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा तट पर हजारों लोगों की मौजूदगी में अपने बड़े बेटे कार्तिकेय सिंह को सार्वजनिक जीवन (राजनीतिक जीवन) में लांच किया। कार्तिकेय ने अपने माता-पिता की मौजूदगी में राज्य सरकार के मंत्रियों से पहले अपना पहला राजनीतिक भाषण दिया। इसमें उन्होंने अपने पिता की नर्मदा सेवा भावना की जमकर तारीफ की। उनके भाषण के दौरान मंच पर मौजूद उनकी मां उन्हें अपलक निहारती रहीं। खुद शिवराज सिंह भी बेटे के पहले भाषण को सुनकर गदगद नजर आए।
कार्तिकेय के फेसबुक स्टेटस के मुताबिक वे बुधनी और विदिशा विधानसभा से जुड़े हुए हैं। उन्होंने गुड़गांव के पाथवे वर्ल्ड स्कूल के साथ-साथ पुणे के सिम्बायोसिस लॉ स्कूल से पढ़ाई की है। फिलहाल वे पुणे में ही रहते हैं। फेसबुक पर उनके 3633 फॉलोअर हैं। कार्तिकेय लंबे समय से अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में सक्रिय रहे हैं। लेकिन जिस तरह सोमवार को शिवराज सिंह ने उन्हें ‘लांच’ किया उससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गईं हैं।
इस अवसर पर कथावाचक मुरारी बापू के अलावा सत्तारूढ दल से जुड़े प्रदेश के अधिकांश नेता मौजूद थे। इन सब की मौजूदगी में स्वागत भाषण कार्तिकेय ने दिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सरकारी मशीनरी लंबे समय से सक्रिय थी। सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये खर्च भी हुए। सिर्फ कार्तिकेय के भाषण ने शिवराज की नर्मदा सेवा को ‘परिवार सेवा’ से जोड़ दिया। हालांकि उन्होंने अधिकृत तौर पर अपने बेटे के भाषण पर कोई टिप्पणी नहीं की है। ना ही उनकी पार्टी के किसी नेता ने कोई सवाल उठाया है। लेकिन वंशवाद और परिवारवाद का विरोध करने वाली बीजेपी के पुरानी पीढ़ी के नेताओं को थोड़ा अटपटा जरूर लगा है।
याद दिला दें कि मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र सकलेचा, कैलाश जोशी, सुंदरलाल पटवा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विजयाराजे सिंधिया, वरिष्ठ नेता कैलाश सारंग, लक्ष्मीनारायण पाण्डे आदि के बेटे या परिजन राजनीति में जम चुके हैं। उन्हें संगठन और सरकार में पद भी मिले हैं, लेकिन जिस तरह नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान शिवराज ने अपने बेटे को जनता के सामने लांच किया। ऐसी लांचिंग किसी नेतापुत्र की नहीं हुई।