नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाई कोर्ट के जज सीएस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। यह नोटिस इसलिए जारी किया गया है क्योंकि कर्णन अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंचे थे। जस्टिस कर्णन को दस हजार रुपए का पर्सनल बेल बॉन्ड भी भरना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता की पुलिस को ऑर्डर दिया है कि वे कर्णन को 31 मार्च से पहले पेश करें।
सात जजों की बेंच द्वारा कर्णन के मामले की सुनावाई की जा रही है। उनपर आरोप है कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और कुछ लोगों को पत्र लिखकर कई तरह के आरोप लगाए। जिसमें रिटायर्ड जजों और वर्तमान जजों पर कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
भारतीय न्याय इतिहास में पहली बार किसी सिटिंग जज पर कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनसे सभी न्यायिक और प्रशासनिक काम पहले ही छीन लिए थे।
सुप्रीम कोर्ट को लिखे गए पत्र में कर्णन ने कहा था कि उनको दलित होने की वजह से निशाने पर लिया जा रहा है। जस्टिस कर्णन को मद्रास हाई कोर्ट से कलकत्ता हाई कोर्ट ट्रांसफर किया गया था। चीफ जस्टिस ने ऐसा उनके खिलाफ मिली शिकायतों के बाद किया था।
जस्टिस कर्णन मद्रास हाई कोर्ट जज के अपने पिछले कार्यकाल में भी विवादों में घिरे थे। पिछले साल जब उन्होंने शीर्ष अदालत के कोलेजियम द्वारा अपने ट्रांसफर को ही रोक दिया था तो शीर्ष अदालत को दखल देनी पड़ी थी, जिसके बाद हाई कोर्ट चीफ जस्टिस के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई थी। जज ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से उन्हें स्थानांतरित करने पर सफाई भी मांगी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके कोई न्यायिक आदेश जारी करने पर रोक लगा दी थी।