नई दिल्ली। कांग्रेस के महासचिव एवं गोवा के प्रभारी दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप लगा है। एक विधायक के बाद अब गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष लुइजिन्हो फलेरियो ने बयान दिया है कि 21 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद दिग्विजय सिंह ने राज्यपाल के पास जाने से रोक दिया। यही कारण है कि गोवा में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई।
प्रदेश कांग्रेस चीफ लुइजिन्हो ने शुक्रवार को दिग्विजय सिंह और स्क्रीनिंग कमिटी के चीफ केसी वेणुगोपाल पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने गोवा कांग्रेस में सीएम पोस्ट को लेकर विवाद होने की खबरों को भी खारिज किया है। लुइजिन्हो ने दावा किया कि 11 मार्च की रात को कांग्रेस को 21 विधायकों का समर्थन था।
उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बावजूद दिग्विजय सिंह का ही सुझाव था कि हमें सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के निमंत्रण का इंतजार करना चाहिए। लुइजिन्हो ने कहा, 'प्रक्रिया के तहत मैंने राज्यपाल के लिए एक लेटर ड्राफ्ट किया कि हम सरकार बनाने का दावा करना चाहते हैं, लेकिन दिग्विजय सिंह ने कहा कि नियमानुसार राज्यपाल हमें बुलाएंगी। इसी वजह से हमने इंतजार किया।'
लुइजिन्हो ने कहा कि 11 मार्च की रात को निर्दलीय विधायक रोहन और एनसीपी विधायक चर्चिल समेत दो अन्य विधायकों का समर्थन हमें था। इस तरह उनके मुताबिक कांग्रेस के पास 21 विधायकों का समर्थन था। हालांकि लुइजिन्हो ने बताया कि कांग्रेस के पास विधायकों के समर्थन के पत्र नहीं थे। लुइजिन्हो ने कहा, 'मैं किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहता। दिग्विजय सिंह और वेणुगोपाल को फैसला लेने का अधिकार था। मुझे लगता है कि उस रात फैसला लिया जाना चाहिए था'