लखनऊ। करारी हार के बाद अखिलेश यादव चुपचाप नहीं बैठे हैं। वो हर बिन्दू की बारीकी से समीक्षा कर रहे हैं। भारत में कहा जाता है कि जो पार्टी बेलेट पर जीतती है वही EVM पर भी जीतती है, लेकिन यूपी में इसका उलट हुआ है। बेलेट पर सपा पूर्ण बहुमत से जीत गई लेकिन EVM में उसका वोट आसपास भी नहीं था। अखिलेश यादव पता लगा रहे हैं कि क्या सचमुच EVM में किसी खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है। पार्टी बैलट पेपर वोट के रिव्यू के आधार पर कोर्ट जाएगी। अखिलेश यादव ने बैलट पेपर का रिकॉर्ड मंगाया है।
सपा से जुड़े सूत्रों ने कहा, "बीजेपी को बड़े पैमाने पर 325 सीटें मिली हैं, तो इसमें ईवीएम में गड़बड़ी ही जिम्मेदार है। बैलट पेपर से एक ट्रेंड मालूम होता है, जिसमें सपा को 70% से ज्यादा वोट मिल रहे हैं। हरदोई की सवायदपुर में बैलट पेपर से मिले वोटों में सपा को 381, बसपा को 260 और बीजेपी के वोटों की संख्या 182 है। हरदोई प्राॅपर में सपा को 858, बसपा को 715 और बीजेपी को 370 वोट मिले हैं, बिलग्राम में भी यही स्थिति है। वहीं, सांडी में कांग्रेस को 400, बीएसपी को 243 और बीजेपी को 150 वोट मिले हैं।
अब इन बैलट पेपर वोट्स को गिनें तो पूरी तरह से सपा पूर्ण बहुमत से भी आगे जा रही है।अभी तो ये कुछ ही सीटें हैं, हमने पूरे प्रदेश से बैलट पेपर वोटों को मंगाया है। हम उसका रिव्यू करने के बाद पूरे सबूतों और रिपोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। ईवीएम में हुई गड़बड़ी की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की अगुआई में हो, इसके लिए अपनी बात कोर्ट में रखेंगे।
मायावती और अखिलेश ने उठाए हैं सवाल
मायावती ने यूपी में आए नतीजों को लेकर रविवार को ईवीएम पर सवाल उठाया था। कहा था, "इनमें किसी खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके वोटों को बीजेपी ने अपने पक्ष में किया। मायावती ने अमेरिका में ईवीएम की घटना का जिक्र करते हुए भारत में इन्हें बैन करने के साथ ही पुराने तरीके से वोटिंग कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। वहीं, अखिलेश यादव ने भी इस बात के सपोर्ट में कहा था, "अगर ऐसा होने की आशंका है तो भाजपा को लोकतंत्र के लिए इस बारे में सोचना चाहिए। हम इसके लिए बैठक करने के बाद निर्णय लेंगे।