भोपाल। मप्र के रतलाम जिले में एक सरकारी स्कूल के शिखक डेनियल पिता कैलाश पर आरोप है कि उसने 6 मार्च को अपनी कक्षा के सभी छात्रों को क्लासरूम बंद करके पहले नंगा करवाया और फिर क्लास का चक्कर लगाकर ताजी बचाने को कहा। घटनाक्रम करीब 1 घंटे तक चला। वो छात्रों से कह रहा था कि तुम्हें ‘मेघलाखाली’ बनना है। जब बच्चों ने उसके कहे अनुसार नंगे होकर तालियां बजाईं तो बोला कि अब तुम सब ‘मेघलाखाली’ बन गए हो।
बच्चों ने बताया कि डेनियल सर ने 7वीं की सारी खिड़कियां और दरवाजा हमसे बंद करवाए। फिर कहा कि तुम्हें ‘मेघलाखाली’ बनना है। हम नहीं समझे तो उन्होंने हमें कपड़े खोलने का कहा। मना किया तो सरिया लेकर मारने दौड़े, कहा- ‘मेघलाखाली’ नहीं बनोगे तो जान से मार दूंगा। हमारे कपड़े उतरवाए और एक हाथ छाती पर और दूसरा हाथ नीचे रखवाकर एक घंटे तक बारी-बारी से क्लास के चक्कर लगवाए। इसके बाद उन्होंने कहा अब तुम पूरी तरह ‘मेघलाखाली’ बन गए हो, ताली बजाओ। कुर्सी पर बैठकर वे भी ताली बजाते रहे।
यह वाकया आकडिय़ा माध्यमिक विद्यालय के 6ठी-8वीं के चार बच्चों ने मंगलवार को एसपी अमित सिंह को सुनाया तो उन्होंने स्टेशन रोड थाने में रिपोर्ट दर्ज करने का कहा। एसपी के निर्देश पर आरोपी शिक्षक डेनियल पिता कैलाश के खिलाफ धारा 342, 352, 506 व 11/12 पास्को एक्ट में प्रकरण दर्ज किया। बच्चों ने बताया 6 मार्च को 6ठी से लेकर 8वीं तक के 40 बच्चों में से 9 बच्चे ही स्कूल पहुंचे थे। इसमें एक छात्रा भी थीं। उसे डेनियल सर ने घर भेज दिया और हम 8 छात्रों को रोक लिया। उस दिन प्रधानाध्यापक सोमला डामर नहीं आए थे, शिक्षक बाबूलाल डांगी दोपहर 2 बजे चले गए थे। उन्होंने दोपहर 3 बजे हमारे साथ हरकत की। बच्चों ने ये भी बताया कि बाकी बच्चे काम की वजह से नहीं आ पाए।
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
रतलाम जिले में शिक्षक द्वारा कक्षा छठवीं-सातवीं के छात्रों को निर्वस्त्र घुमाने की घटना पर मानव अधिकार आयोग ने सख्त आपत्ति ली है। आयोग ने घटना को अश्लील हरकत बताते हुए इसे छात्रों की गरिमा का हनन मानकर संज्ञान लिया है। शिक्षक द्वारा की गई इस हरकत पर कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। आयोग ने कहा कि जिन लोगों पर भावी पीढ़ी को शिक्षित और संस्कारित करने का दायित्व है, उनके द्वारा इस तरह की हरकत अनुचित है। शिक्षकों को तो स्वच्छ और स्वस्थ मानसिकता से काम करना चाहिए।