
सरकार का प्रयास मराठी भाषा की परीक्षा लेने का भी था। बता दे कि महाराष्ट्र में ऑटो परमिट जारी करने से पहले सरकार ने लिखित परीक्षा कराने का भी निर्णय लिया था जिसका लक्ष्य परमिट पाने वाले के मराठी भाषा के ज्ञान को जांचना ही था।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि बीते वर्ष 7 हजार 843 ऑटो परमिट इश्यू किए गए थे जिसमें 5 हजार 303 परमिट गैर मराठी भाषी लोगों को दिया था, आंकड़ो के अनुसार सिर्फ मुंबई में 2 लाख लोग ऑटो रिक्शा चालक है जिसमें 70 फीसीदी ऑटो रिक्शा चालक यूपी और बिहार के हैं। हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद उत्तर भारत के लाखों ऑटो चालक राहत की साँस लेगें।