जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 17 वर्षीय गर्भवती नाबालिग का बयान दर्ज करने के बाद उसे नारी-निकेतन भेजे जाने की व्यवस्था दे दी। मामला सागर जिले के बंडा का है। नाबालिग की बड़ी बहन मीना बाई ने बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका के जरिए आरोप लगाया है कि उसकी छोटी नाबालिग बहन को धर्मेन्द्र नामक तत्व ने अगवा कर लिया। इसके बाद जबरिया विवाह के नाम पर गर्भवती भी कर दिया। उसके पेट में 8 माह का गर्भ है।
हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के बाद सागर पुलिस को निर्देश दिया था कि नाबालिग को धर्मेन्द्र के बंधन से आजाद कर पेश किया जाए। सोमवार को ऐसा ही किया गया। जस्टिस संजय यादव की एकलपीठ के समक्ष नाबालिग को पेश किया गया। उसने अपने बयान में धर्मेन्द्र पर लगाए गए आरोपों को अनुचित करार देते हुए उसी के साथ रहने की मंशा जताई लेकिन उसके नाबालिग होने के कारण नारी-निकेतन भेजे जाने की व्यवस्था दे दी गई।
काउंसिलिंग भी की गई
नाबालिग किसी की सुनने तैयार नहीं थी। उसकी हालत बेहद गंभीर होने के कारण मीडिएशन एक्सपर्ट लेडी एडवोकेट सुश्री प्रियंका मिश्रा के जरिए आधे घंटे से अधिक अवधि तक कोर्ट के निर्देश पर काउंसिलिंग भी कराई गई। इसका बेहतर परिणाम सामने आया। नाबालिग नियंत्रित होकर नारी-निकेतन जाने तैयार हो गई। मामले में बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुबोध ताम्रकार ने पक्ष रखा।
बहन पर संगीन आरोप
सबसे खास बात यह रही कि नाबालिग ने अपनी बहन व जीजा पर संगीन आरोप लगाए। उसका ओपन-कोर्ट में कहना था कि उसकी बड़ी बहन व जीजा रैकेट चलाते हैं। यदि उसे धर्मेन्द्र के स्थान पर उनके पास भेजा गया तो वे उसे बुरे काम में झौंक देंगे। हाईकोर्ट ने इस जानकारी को गंभीरता से लेकर पुलिस को जांच के निर्देश दे दिए।