जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने 14 साल तक सरकार की सेवा कर चुके एक अस्थाई कर्मचारी की विधवा को अनुकंपा नियुक्ति देने के आदेश जारी किए हैं। इससे पहले हाईकोर्ट ने कर्मचारी को स्थाई करने के आदेश जारी किए थे परंतु इससे पहले कि सरकारी प्रक्रिया पूरी हो पाती, उसकी मृत्यु हो गई।
याचिकाकर्ता पारो की ओर से दायर रिट याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता के पति ने नगर निगम जोधपुर में वर्ष 1999 से अस्थाई रूप से लोडर ऑपरेटर सीवर मशीन ऑपरेटर के पद पर निरंतर कार्य किया। उसने स्थाई नौकरी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर उसे कर्नाटक हाईकोर्ट बनाम उमादेवी मामले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए निर्णय के अनुसार नियुक्ति देने के निर्देश दिए।
सारी औपचारिकता पूरी होने के बाद स्थाई नौकरी का आदेश जारी होने से पहले उसकी मृत्यु हो गई। याचिका में कहा गया है कि पति को स्थाई कर्मचारी के समान माना जाए। कोर्ट ने करीब 14 वर्ष तक अस्थायी कार्य कर चुके मृत कर्मचारी की विधवा को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के आदेश दिए हैं।